प्रोटीन हमारे शरीर के विकास एवं निर्माण के लिए महतवपूर्ण घटक एवं जरूरत है, जिससे शरीर के विभिन्न कार्यकलापो जैसे हड्डियों एवं मांसपेशियों का निर्माण, रक्त एवं त्वचा निर्माण एवं उतकों के निर्माण में सहायता मिलती है| प्रोटीन रोजमर्रा की खाने-पीने वाली चीजो जैसे दूध, मांस, मछली, अंडे, सोया, फलिया आदि में उपस्थित रहता है, एवं विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में ४६ से ५६ ग्राम के मध्य प्रोटीन का सेवन करना चाहिए|
यदि शरीर को पूर्ण रूप से प्रोटीन नहीं मिलता तो कई प्रकार की समस्याए उत्पन्न होने लगती है, जिसका विवरण इस प्रकार है:-
मांसपेशियों में कमजोरी:
मांसपेशिया शरीर के विकास के लिए प्राथमिक है, यदि इनमे अचानक से दर्द या कमजोरी महसूस हो तो ये प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकता है| प्रोटीन, मांशपेशियो को ताकत देता है, एवं कार्य करने योग्य ऊर्जा प्रदान करता है एवं पुरुषो एवं महिलाओ दोनों में प्रोटीन की कमी के घातक परिणाम हो सकते है|
बालों का झड़ना:
बालो की मजबूती एवं स्वास्थ्य केरोटिन नामक प्रोटीन पर निर्भर करता है, किन्तु प्रोटीन के अभाव या कमी के कारण बालो एवं नाखुनो पर इसका विपरीत असर पड़ता है| प्रोटीन की कमी से बाल झड़ने लगते है या टूटने लगते है, तथा एकदम शुष्क एवं बेजान दिखने लगते है|
रोग-प्रतिरोधक क्षमता का शिथिल पड़ना:
रोग-प्रतिरोधक क्षमता शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचने में सहायता करती है, किन्तु भोजन में प्रोटीन की पूर्ण मात्रा न लेने पर रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है, क्योकि इसकी कोशिकाए अधिकतर प्रोटीन से बनी होती है, प्रोटीन के अभाव से शरीर को भांति-भांति के रोग घेरने लगते है|
दिमाग पर प्रभाव:
मस्तिष्क के विकास एवं दिमाग के नयूरोंस के स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है| प्रोटीन की अत्यधिक कमी से दिमाग के कार्य करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे याददाश्त कमजोर होना, एकाग्रता में कमी, भ्रम पैदा होना एवं अन्य परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|
अनियमित मासिक धर्म एवं चिडचिडापन:
उचित आहार एवं प्रोटीन की कमी महिलाओ के मासिक धर्म से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की समस्याए पैदा कर सकती है, जैसे मासिक धर्म समय पर न आना, मासिक धर्म के दौरान थकान एवं पीड़ा अनुभव होना, होर्मोनन्स में गडबड आदि|
प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए, साथ ही समस्या बढने पर चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए|
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