ओजोन छिद्र आज तक का सबसे चिंताजनक विषय है, जिससे सभी वैज्ञानिक चिंतित है! हमारी पृथ्वी के चारों और एक परत विद्यमान है, जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा करती है, और इसी परत को ओजोन परत कहा गया है!
मुख्य रूप से ओजोन परत समतापमंडल और क्षोभ मंडल के मध्य में उपस्थित रहती है! वायुमंडल में आक्सीज़न, सूर्य की UV किरणों के साथ प्रतिक्रिया करके ओजोन का सुरक्षा कवच बनाती है, क्योकि पृथ्वी में सूर्य के प्रत्यक्ष ताप को सहन करने की क्षमता नहीं! ओजोन परत वातावरण के मध्य एक सामंजस्य बनाके रखती है, किन्तु पिछले कुछ वर्षों से इस परत में छिद्र हो गया है जो धरती के जीवों के लिए एक चेतावनी है, की पृथ्वी पर प्रदूषण कितना बढ़ गया है!
ओजोन छिद्र के हानिकारक प्रभाव:
आधुनिक सुविधाओ के चलते जैसे ac, फ्रिज, अत्यधिक वाहन एवं कारखाने आदि से CFC(क्लोरो फ्लोरो कार्बन) का निकास अत्यधिक मात्रा में हो रहा है, जिसके कारण ओजोन परत शिथिल हो गई और उसमे छेद हो गया हा, और ये छेद अन्टार्कटिका के ऊपर स्थित ओजोन परत में हुआ है, जिसका आकार २.५ वर्ग किमी. बताया जा रहा है! आइये ओजोन छिद्र के हानिकारक प्रभावों पर एक नजर डाले:-
- सूर्य की UV किरणों के कारण कैंसर और त्वचा से सम्बन्धित महामारिया पैदा हो सकती है!
- इसके साथ ही मोतियाबिंद एवं आँखों से सम्बंधित रोग भी प्रकट हो सकते है!
- धरती पर हानिकारक किरणों के प्रभाव से पृथ्वी का प्राक्रतिक संतुलन बिगड़ रहा है, और ग्लेशियर पिघलते जा रहे है!
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