गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force ) किसी भी दो पदार्थ , वस्तु या कणो की बिच मौजूद एक आकर्षण बल है। गुरुत्वाकर्षण बल न सिर्फ पृथ्वी और वस्तुवो के बीच का आकर्षण बल है बल्कि यह ब्रह्माण्ड में मौजूद हर पदार्थ या वस्तु के बिच विद्यमान है।
हम जब हवा में उछलते है तो उड़ क्यों नहीं जाते ? हम क्यों दुबारा वापस धरती पर आ गिरते है। ये सब गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है। यह एक ऐसा आकर्षण बल है जो दिखाई नहीं देता लेकिन हर वो वस्तु जिसका द्रव्यमान ( mass) होता है उसका गुरुत्वाकर्षण भी होता है।
सर इस्साक न्यूटन ने सन 1642 -1727 में यह पता लगाया की गुरुत्वाकर्षण बल हर प्रकार के वस्तुवो में मौजूद है।
अगर किसी वस्तु का द्रव्यमान अधिक है तो उसका गुरुत्वाकर्षण बल अधिक होगा।
चुकी पृथ्वी का द्रव्यमान, मनुष्य से ज्यादा है इसलिए पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल भी मनुष्य के गुरुत्वाकर्षण बल से कही ज्यादा है और यही कारन है की जब हम हवा में उछलते है तो वापस पृथ्वी पर आ जाते है क्यों की पृथ्वी हमें वापस अपनी ओर खींच लेती है और हमारा गुरुत्वाकर्षण बल कम होने के कारन हम पृथ्वी को अपनी ओर नहीं खींच पाते। पृथ्वी को अपनी ओर सूर्य खींचता है क्यों की सूर्य का द्रव्यमान पृथ्वी से कही ज्यादा है और यही कारन है की पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है।
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल हम पर भी पड़ता है लेकिन वह बहोत की कम है इसलिए हम महसूस नहीं कर पाते। हम बस पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल महसूस करते हैं क्यों की हम पृथ्वी के बहोत नज़दीक हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल दुरी साथ कमजोर होते जाता है। अगर हम पृथ्वी से काफी दूर चले जाये तो पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल भी हम पर काम करना बंद कर देगा और हम अंतरिक्ष में उड़ने लगेंगे लेकिन चुकी अंतरिक्ष में हवा नहीं है तो हम जिन्दा भी नहीं बच पाएंगे। हवा अगर हो भी जाये फिर भी सूरज का रेडिएशन से हम क्षण भर भी जिन्दा नहीं बच पाएंगे। यही कारन है की ऑस्ट्रोनॉट सूट पहन कर अंतरिक्ष में जाते हैं।
हमारा वजन अलग अलग क्यों होता है ?
मोटे आदमी का द्रव्यमान पतले आदमी से ज्यादा होता है इसलिए उसपर पृथ्वी द्वारा खिचाव बल ज्यादा लगता है इसलिए उसका वजन ज्यादा होता है। जो पतला होता है उसका वजन कम होता है क्यों की उसका द्रव्यमान कम होता है और इससे पृथ्वी का खिचाव बल भी कम लगता है। वजन एक तरह से गुरुत्वाकर्षण बल का दूसरा नाम है।
F = mg (m = द्रव्यमान और g एक समानुपाती नियतांक है, यह F , Weight यानि की वजन भी है )
इस लिए हम इसे F = mg = W भी लिख सकते हैं।
इसका मतलब यह हुआ की Weight एक बल है जो mg के बराबर हर वस्तु को निचे की ओर खींच रहा है।
एक चींटी का द्रव्यमान मनुष्य की अपेक्षा बहोत कम होता है इसलिए चींटी का वजन भी बहोत कम होता है। पृथ्वी और चींटी के बीच का आकर्षण बल भी कम होता है यही कारन है की चींटी उचाई से गिरने के बाद भी घायल नहीं होती।
अलग अलग ग्रहो पर अलग अलग वजन
क्या आपको पता है की हमारा वजन अलग अलग ग्रहो पर अलग अलग होता है ? जी हाँ अगर आपका वजन पृथ्वी पर 100 किलो है तो
गुरुत्वाकर्षण बल ही वो कारन है जिससे हमारी पृत्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और मून पृथ्वी का चक्कर लगता है। गुरुत्वाकर्षण बल सिर्फ द्रव्यमान वाले वस्तुवो को ही अपनी ओर नहीं खींचती बल्कि प्रकाश को भी अपनी और खींच लेती है। हम इस खिचाव को अपनी आँखों से देख नहीं पाते लेकिन वैज्ञानिक इसे मशीनो द्वारा देख सकते हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल के कारन ही पृथ्वी पर हवा है और जीवन चल रहा है अगर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण बल ख़तम हो जाये तो हवा भी अंतरिक्ष में लुप्त हो जायेगा और हममे से कोई नहीं बचेगा। हवा पानी सबकुछ लुप्त हो जायेगा।
गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र
F=Gm1m2 / r2
G एक समानुपाती नियतांक है जिसका मान सभी पदार्थों के लिए एक जैसा रहता है। इसे गुरुत्वीय स्थिरांक (Gravitational Constant) कहते हैं।
G = 6.6726 x 10-11 m3 kg-1 s-2
m1 और m2 दो वस्तुवो का द्रव्यमान है
r दोनों वस्तुवो की बीच की दुरी है
Mast h
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Nice definition
Thanks
Nice one
It is correct definition
धनयावाद
gravitational force is importent for our life
धनयावाद
Ager Surya ka gravitation force Jada Hai earth Ki tulna mein to earth Ko to sun ke andar Sama Jana chahie
Agar surya ki gravity se Pluto bhi uske chakkar lagata hai, To phir moon ko bhi sun ka hi chakkaar lagana chahiye.
हाँ मून और पृथ्वी दोनों सूर्य का चक्कर लग्ताते है , लेकिन चुकी मून पृथ्वी के नजदीक है इसलिए इसपर पृथ्वी का गुरुत्वकर्सन सूर्य से ज्यादा असर दार, जिस दिन मून पृथ्वी को छोड़ देगा उस दिन वो हो सकता है सूर्य की परिक्रमा करने लगे लेकिन ऐसा जरूरी नही है, पृथ्वी का परिक्रमा मून करता है और सूर्य का पृथि, देखा जाये तो दोनों मिलकर सूर्य का ही परिकर्मा करते हैं
Well describe
Thanks this definition is very important and very good
very nice defination
Thanks
I think that gravitional will be must important our life
अगर पृथ्वी सूर्य से बड़ी होती तो क्या पृथ्वी सूर्य के gravity में नहीं आती
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Very nice defination
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1__Gurutwakrsn ka man dhurvo PR km kyo hota h ?
2, prithvi paschim se purv hi kyo ghumti h ?
Grutwakarsan bal ko sirf masin se hi dekha jayga
nhi gurutvakarsan bal dikhai nhi deta … bas hm mahsoos kar sakte hai … earth ki taraf ki khichav
गुरुत्वकर्षण का मान ध्रुवो पर अधिक होता है
इसके कई करकं है
पृथ्वी ध्रुवो पर चपटी है
पृथ्वी की rotational गति
पृथ्वी का चुम्बकत्व आदि
very nice
Surya Ka bhar prithivi se adhik hota hai to Surya Prithvi ko apni aur khicha kyu nahi leta hai prithivi Charo Taraf kyun ghumti hai iska matlab Prithvi ka akarshan surya ke Saman hai aur Prithvi ka bhar surya se kam bhi hai
नही पृथ्वी एक कक्षा में घुमती है, वो कक्षा ऐसा है की वह से सूर्य पृथ्वी को अपनी ओर खीच भी नही सकता और कक्षा से बाहर जाने भी नही दे सकता, ये ठीक वैसे ही है जैसे चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाती है
इस कक्षा को समझने के लिए सोच लीजिये की पृथ्वी सूर्य से दूर भागना चाहती है लेकिन सूर्य अपनी और खीच रहा है, जब दोनों बल मिल रहे हैं तो पृथ्वी गोल गोल घूम रही है
आप इस फोटो से समझ सकते हैं
Gravity kabhi gayab ho sakta ha kiya
Thank you
Tq so much sir…..Ene ache se explain kra h Apne😊
Thanks
Upppss sorry🙆 hame nhi pta ki aap sir hai ya mam …..
hahah hm dono hai 😛
Gravitation ka wind and water se Kya relation hai Jo Aap kah rahe hai ki without gravitation, neither water nor wind is possible. Explain me please sir
Gravitation ke karan hi wind and water prithvi par hai, kyu ki gravitation ise khich kar rakhta hai .. agar grativation khatam ho jayega to sara water space me chala jayega vaise hi prithvi apna atmosphere kho dega .. vaise moon par gravitation bhot kam hai isliye vaha atmosphere (wind ) nhi hai
NYC definition & good thinks
Thanks
Nice Definations
Thank you so much teacher for give me infomation.
Sir यह गुरुत्वाकर्षण बल कहा से उत्पन्न होती है। पृथ्वी निर्माण के समय क्या हय उत्त्पन्न हुई है।या किसी प्रक्रिया द्वारा निर्मित होती है।
धन्यवाद!
गुरुत्वाकर्षण bal har ek atom me hai, prithvi par moujud har ek vastu me gurutva karsan bal hai. yah anu level par utpann hota hai
Bahut Shi theory
Sir Ias motivational quotes Chahiye
HOW ARE YOU SIR
Acha definition hai
सिह्द करें कि G=gm/(r)2
Thank you.
G=gm/r2
सिह्द करे कि F1=F2=Gm1m2/ (r)2
Sir kya ham Apne andar ki Gravitational force Ko khatm kar sakte hain??????????
Sir/mam kya anti gravitational force hota hai