ज्वालामुखी से अर्थ धरती पर उपस्थित ऐसी दरार या छेद से होता है, जिसमे से लावा(अत्यधिक गर्म पदार्थ), जहरीली गैसे, विभिन्न धातु एवं राख व् धुआं निकलता रहता है| ज्वालामुखी के ऊपर मिटटी, पत्थर आदि के जमाव या उठाव को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है|
सम्पूर्ण विश्व में कई खतरनाक एवं सक्रिय ज्वालामुखी विद्यमान है, जो कुछ वर्षो बाद जब सक्रिय होते है, तो भयंकर तबाही मचाते है, जिसमे जन-धन की अत्यधिक हानि होती है| ज्वालामुखी के कई प्रकार होते है, जैसे सुप्त ज्वालामुखी, मृत ज्वालामुखी, सक्रिय या निष्क्रिय ज्वालामुखी आदि|
यहाँ हम भारत के ज्वालामुखी के बारे में चर्चा करेंगे| मुख्य रूप से, भारत में दो ज्वालामुखी स्थित है, जो अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में पाए जाते है, जिसमे से एक सक्रिय अवस्था में है तथा दूसरा निष्क्रिय या सुप्त अवस्था में है| भारत के दो प्रमुख ज्वालामुखी के नाम इस प्रकार है:-
बैरन द्वीप ज्वालामुखी:-
बैरन द्वीप ज्वालामुखी इंडिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है, जो की बैरन द्वीप पर उपस्थित है एवं ३ किमी क्षेत्र में फैला हुआ है| भारत के साथ-साथ यह दक्षिण एशिया का भी एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है|
साधारण भाषा में बैरन शब्द का अर्थ होता है, बिलकुल बंजर| बैरन द्वीपसमूह ज्वालामुखी के आसपास का इलाका इसी तरह का है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है|
बैरन द्वीप ज्वालामुखी में सबसे पहला विस्फोट १७८७ को रिकॉर्ड किया गया, उसके बाद से इसमें बहुत बार विस्फोट हो चुके है| सबसे तत्कालीन विस्फोट २८ मई २००५ को रिकॉर्ड किया गया था, तथा तबसे यह ज्वालामुखी सक्रिय माना जा रहा है|
वैज्ञानिक जानकारी एवं खोज के अनुसार बैरन द्वीप ज्वालामुखी से शक्तिशाली एवं भयंकर तबाही होने की सम्भावना न के बराबर है| आज भी पर्यटक यहाँ आते है एवं इसमें से धुआं निकलता देखा जा सकता है| पर्यटकों के लिए यहाँ स्कूबा डाइविंग एक आकर्षण का केंद्र है, जिसमे विभिन्न प्रकार के जलीय जीव, वनस्पति एवं साफ़ पानी के साथ प्राक्रतिक नजारे उपस्थित है|
नारकोडम ज्वालामुखी:
भारत का दूसरा ज्वालामुखी है, नारकोडम ज्वालामुखी| यह ज्वालामुखी भी अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर उपस्थित नारकोडम द्वीप पर पाया जाता है| पिछली २ शताब्दियों से यह ज्वालामुखी सुप्त अवस्था में है, किन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है, कि कभी भी ये ज्वालामुखी सक्रिय हो सकता है|
अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में अधिकांश मात्रा में ज्वालामुखी पर्वत पाए जाते है, किन्तु उनमे से अधिक सुप्त अवस्था में है या निष्क्रिय हो चुके है|
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