Introduction :
यह एक प्रकार का जानलेवा ,खतरनाक, पीड़ादायक बुखार है जो किसी भी उम्र वालों को हो सकता है लेकिन ज्यादातर इसके शिकार बच्चे होते हैं दूषित जल और भोजन इस बीमारी का मुख्य कारण होता है इसका मुख्य कारण Salmonella Typhiae नामक जीवाणु है उचित इलाज से यह बीमारी ठीक हो जाती है अन्यथा व्यक्ति को अनेकों बीमारियां संक्रमित कर लेती है और अधिक पीड़ा के कारण उसकी मौत हो जाती है। इस बैक्टीरिया से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में रहने से भी स्वस्थ व्यक्ति इसके चपेट में आ सकता है टाइफाइड के संकेत और लक्षणों में आमतौर पर तेज बुखार, सिर दर्द ,पेट में दर्द और दस्त शामिल है टाइफाइड बुखार के टीके उपलब्ध है लेकिन ये शत – प्रतिशत प्रभावी नहीं है। भारत में टाइफाइड काफी आम है जहां इसे मोतीझरा और मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 2.1 करोड़ टाइफाइड के मामले आते हैं और 2.22 टाइफाइड से ग्रसित लोगों की मृत्यु होती है। सालमोनेला टाइफी बैक्टीरिया मुंह में प्रवेश करता है और 1 से 3 सप्ताह तक आत में रहता है उसके बाद ये आंतों की दीवार से होते हुए खून मे चला जाता है खून के माध्यम से अन्य अंगों में फैल जाता है यदि उचित इलाज न किया जाए तो 4 मैं से एक इंसान की टाइफाइड के कारण मृत्यु हो जाती है अगर उपचार किया जाए तो 100 मामलों में से 4 से भी कम के लिए टाइफाइड घातक सिद्ध होता है।
Etiology :
दूषित जल और भोजन का सेवन करना। किसी बुखार का लंबे समय तक बने रहना। बचपन में T.A.B का टीका न लगवाना। गंदे बिस्तर पर सोना तथा गंदे शौचालय का इस्तेमाल करना। लंबे समय तक टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में रहना और उसके बिस्तर का इस्तेमाल करना। उसका जूठन खाना। Typhoid का कारण हो सकता है।
Symptoms :
तेज बुखार के साथ सिर में दर्द , बुखार कभी छूट जाना तो कभी आ जाना। लंबे समय तक टाइफाइड से ग्रसित रहने के बाद Liver तथा speen मे सूजन आ जाती है। कभी-कभी उल्टी तथा पतला दस्त भी होने लगता है। कमजोरी और थकान होना, मांसपेशियों में दर्द होना, भूख ना लगना और वजन घटना, पेट में दर्द होना यह सभी टाइफाइड के लक्षण है। अगर इसका उचित इलाज न किया जाए तो बुखार के कम होने के 2 सप्ताह बाद भी यह सभी लक्षण लौट सकते हैं।
Management :
दूषित जल और भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्म भोजन का सेवन करना चाहिए। तत्काल डॉक्टर से मिलकर WIDAL Test करवाना चाहिए और positive आने पर अच्छे Antibiotics का प्रयोग करना चाहिए। बचपन में Typhoid anti bacterial टीका लेना चाहिए। ज्यादा बुखार आने पर व्यक्ति के पूरे शरीर को ठंडे पानी से पूछना चाहिए। लंबे समय तक बुखार और दस्त के कारण शरीर निर्जलीकृत हो जाता है ऐसे में तरल पदार्थो का सेवन ज्यादा करना चाहिए।
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