Tetnus टेटनस ( धनुषटंकार ) क्या है? What is Tetnus in hindi

टेटनस एक गंभीर बैक्टीरियल बीमारी है जो शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है इसमे मांसपेशियां संकुचित होने लगती है जिससे काफी दर्द होता है टेटनस विशेष रुप से जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों को ही प्रभावित करती है इसमें व्यक्ति को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है यह बीमारी किसी भी उम्र वालों को हो सकती है जब शरीर का कोई हिस्सा जंग लगे हुए इस्पात से  कटता फटता है तब रसायनिक अभिक्रिया के फल – स्वरूप Clostridium tetani नामक जीवाणु उत्पन्न हो जाते हैं जो असहनीय दर्द के साथ घाव उत्पन्न करते हैं टेटनस कहलाता है। आमतौर पर टेटनस को लॉकजॉ ( Lockjaw) भी कहां जाता है क्योंकि इसमें जबड़ा एक तरीके से लॉक (स्थित) हो जाता है।

Etiology :
टेटनस का मुख्य कारण जंग लगे हुए इस्पात से शरीर का कोई अंग कट जाना। जब टिटनेस के बैक्टीरिया ( Clostridium tetani) गोबर, खाद, मिट्टी, गंदा पानी, धूल और पशुमल इत्यादि के संपर्क में आने से पुराने जख्मी गांव में प्रवेश करते हैं तो tetanospasmin नामक एक विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करते हैं यह विषाक्त पदार्थ शरीर के मोटर न्यूरॉन्स ( motor neurones ) को खराब कर देते हैं मोटर न्यूरॉन्स पर विश का प्रभाव मांसपेशियों में अकड़न और ऐंठन पैदा करता है जो टिटनस का एक प्रमुख कारण होता है
ऑपरेशन के समय पुराने औजारों का प्रयोग करना तथा गर्भावस्था के दौरान ( Tetvect injection) का न लगवाना भी टिटनेस का बहुत बड़ा कारण है।

Symptoms :
कटा हुआ हिस्सा काफ़ी दर्द करता है कटे हुए जगह से हमेशा Lymph और plasma का  रिशाव होते रहता है। पूरा शरीर धनुष की तरह टेढ़ा हो जाता है। व्यक्ति को चलने – फिरने  उठने – बैठने में काफी तकलीफ होती है। गर्दन एवं पेट की मांसपेशियों में अकड़न रहता है निगलने में कठिनाई होती है जबड़ो में ऐठन और अकड़न रहती है हृदय की धड़कन बढ़ जाता है और बुखार भी आ जाता है।

Management
डीटीएपी ( DTAP) vaccine को बचपन में ही बच्चों के भुजा या जांघ पर लगवाना चाहिए। पुराने औजारों से कटने के बाद 24 घंटे के अंदर Tetvect का injection जरूर लगाना चाहिए। ऑपरेशन के बाद टेटनस का सुई लेना अनिवार्य है। गर्भावस्था के दौरान महिला को Tetvect injection ka 2 डोज  जरूर लगवाना चाहिए। घाव को गोबर, मिट्टी, गंदे पानी तथा खाद, मक्खी से दूर रखना चाहिए।