बिना पानी के रहने वाले जानवर

कंगारू चूहा

क्या होगा? अगर मै कहूं की आपको अब पानी नहीं मिलेगा | है न परेशानी वाली बात | आप कहेंगे की हम तो सरकार से भी रोटी, कपड़ा, मकान और पानी मांगते है | पानी के बिना तो काम ही नहीं चलेगा | अभी तक आप कहते होंगे की – दुनिया में कोई भी ऐसा जीवित प्राणी नहीं जिसका जीवन बिना पानी के चल सके |

तो अगर आप ऐसा कहतें है या सोचतें है तो आप गलत है| कुछ समय पहले मै भी ये मानती थी की दुनिया में ऐसा कोई भी पौधा या जीव नहीं है जो की बिना पानी के रह सकता हो | परन्तु ये सच भी है सिर्फ एक जीव को छोड़कर शायद ही कोई धरती में कोई ऐसा पेड़ या जीव है जो बिना पानी के रह पाए|

तो ये अजूबे रेगिस्तान में पाए जातें है, इनका नाम एक जाने-माने जानवर कंगारू के नाम से जाना जाता है | और ये एक चूहे की नस्ल से हैं| वैसे तो रेगिस्तान में पाए जाने वाले जीवो की प्राकृतिक संरचना ही इस प्रकार की होती है की इन्हे ज्यादा पानी की आवश्यकता न हो वह चाहे रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट हों या फिर कोई और रेगिस्तानी जानवर, लेकिन कंगारू चूहा कम पानी नहीं बल्कि ये पूरा जीवन पानी ही नहीं पीता| इसकी शारीरिक बनावट कंगारूओं जैसी और आकर, रंग, संरचना और प्रवृत्ति चूहों जैसी होती है | ये कांगरू जैसे चलते है और ऑस्ट्रिलियन कंगारू जैसे दिखतें है इसी वजह से इनका नाम कंगारू चूहा पड़ा |

इनको बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है, इस बात को आप ऐसे समझ सकतें है – ये अपने शरीर में पानी की आवश्यकता पेड़ों की जड़ें खाकर ही पूर्ण कर लेते है |इसके पैर इसके बाकि शरीर के भागों की तुलना में काफी लम्बे होतें है | जब दो कंगारू चूहे लड़ते है तो ऐसा प्रतीत होता है मानों जैसे वो लकड़ी की डंडिओं से लड़ रहें हो | ये कंगारू चूहे रेगिस्तान में झाड़ियों के आस – पास जमीन पर बिल बनाकर रहते है |

ये यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के रेगिस्तान में पाए जातें है | यह अपने शरीर में जो वसा उपस्थित होती है उसका एक रासायनिक प्रक्रिया द्वारा ऑक्सीडेशन कर के अंत में उत्पाद में पानी का निर्माण कर लेते है |और अपने शरीर में पानी की आपूर्ति कर लेते है|और हमारे लिए एक आश्चर्य बन जातें है |