हवाई जहाज कैसे उड़ता है इसे समझने के लिए हमें जहाज पर लगने वाले 4 बालो पर ध्यान देना होगा।
- Thrust ( थ्रस्ट )
- Drag ( घर्षण बल )
- Weight ( गुरुत्वाकर्षण बल )
- Lift ( ऊपर की ओर बल )
अक्सर हवाई जहाज के दोनों पंखो पर एक एक इंजन लगे होते हैं, किसी किसी जहाज में एक ही इंजन लगा होता है।
इंजन का काम है thrust (थ्रस्ट बल ) पैदा करना।
कमर्शियल हवाई जहाजो में turbofan engine (टर्बो फैन इंजन) लगा होता है।
इंजन का काम हवा को खीच कर उसे compress (कॉम्प्रेस – हवा दबाव बढ़ा देना ) कर के पीछे की ओर छोड़ने का होता है।
ये ठीक वैसे ही काम करता है जैसे की हम बलून में हवा भर कर अगर छोड़ दे तो वह ऊपर की ओर भागने लगता है।
Compress हवा को छोड़ने पर थ्रस्ट पैदा होता है।
टर्बो फैन इंजन के 5 पार्ट्स होते हैं
Fan (फैन ) – इंजन को अगर आगे से देखे तो सबसे पहले fan दिखेगा , fan टाइटेनियम ब्लेड से बना होता है और यह बहोत ही ताकतवर होता है जो की लाखो किलो हवा को खीचकर इंजन में भेजता है।
हवा दो रास्तो से गुजरती है, एक सीधे इंजन में चली जाती है और दूसरा जिसे हम bypass (bypass ) एयर कहते हैं वह साइड से निकल जाती है, bypass एयर से अलग से एक थ्रस्ट पैदा होता है। Bypass एयर इंजन को ठंडा भी रखता है।
Compressor (कंप्रेसर) – Compressor का काम है हवा को compress करना यानि की हवा को दबा कर उसका घनत्व बढ़ा देना। Compressor के अन्दर के ब्लेड छोटे होते चले जाते है और हवा को compress करते जाते हैं।
Combustor (कम्बस्टर) – Compressor के बाद हवा combustor में जाता है जहाँ उसको तेल (पेट्रोल ) के साथ मिलाकर जलाया जाता है। यह सुनने में तो बहोत ही आसन लग रहा है लेकिन यह बहोत ही काम्प्लेक्स प्रोसेस है।
Turbine (टरबाइन) – जब गरम जलती हवा टरबाइन से गुजरती है तो वह टरबाइन को तेजी से घुमाती है, और टरबाइन से ही fan और compressor के शाफ़्ट जुड़े होते हैं, जो की और भी अधिक तेजी से हवा खीचने लगते हैं।
Mixer (मिक्सर )/Nozzle ( नोजल ) – ये लास्ट स्टेप है जहाँ पर compressed हवा को तेजी से बाहर निकाल दिया जाता है,
जैसे ही हवा नोजल से बाहर निकलती है , यही newton (न्यूटन ) का तीसरा नियम लागु होता है।
प्रत्येक क्रिया (Action) की उसके बराबर तथा उसके विरुद्ध दिशा में प्रतिक्रिया (Reaction) होती है।
जब हवा तेजी से नोजल से बाहर निकलता है तो यह प्लेन को आगे धकेलता है इस आगे के बल (force ) को हम थ्रस्ट कहते हैं, जब प्लेन आगे जाता है तो एक और बल आता है जिसे हम घर्षण बल कहते है लेकिन चुकी थ्रस्ट बल, घर्षण बल से ज्यादा होता है इसलिए प्लेन आगे बढ़ता है।
घर्षण बल को समझने के लिए एक उधारण:
जब हम चलती हुई कार में बैठे होते हैं और अगर अपने हाथ खिड़की से बाहर निकले तो, हम अपने हाथ पर हवा द्वारा लगाया गया घर्षण बल महसूस कर सकते है, घर्षण बल पीछे की तरफ हाथ को धकेलता है लेकिन चुकी कार का थ्रस्ट बल ज्यादा होता है और हमारे हाथ मजबूत होते है इसलिए हमारा हाथ कार के साथ ही आगे बढ़ता है।
यह सब कार की रफ़्तार पर निर्भर करता है, अगर रफ़्तार बहोत ज्यादा है मान लीजिये 2000 km/h तो हमारे हाथ पर इतना घर्षण बल लगेगा की या तो हाथ टूट जायेगा या फिर जल जायेगा।
दूसरा उधारण:
कभी कभी उल्कापिंड धरती के वायुमंडल में आते ही जल जाते है क्यों की उनका रफ़्तार इतना ज्यादा होता है की घर्षण बल ज्यादा होने के कारण उनमे आग लग जाता है।
प्लेन में घर्षण बल कम करने के लिए उसे एरो डायनामिक्स बनाया जाता है , और उड़ने के बाद चक्कों को छिपा दिया जाता है ताकि घर्षण बल कम लगे और थ्रस्ट ज्यादा लगे, जिससे की प्लेन आगे बढ़ते रहे।
अब बात आति है वेट (भार)और लिफ्ट की, ये दो बल कहा से आते है आइये जानते है
जैसा की हम जानते हैं की पृथ्वी पर मौजूद हर वस्तु का भार होता है जो की गुरुत्वाकर्षण बल के कारण लगता है, जब प्लेन हवा में होता है तो उसे गुरुत्वाकर्षण बल निचे की ओर धकेलता है।
लेकिन प्लेन के विंग (पंख ) को इस तरह से बनाया जाता है की उसपर लिफ्ट बल लग सके।
जब प्लेन को थ्रस्ट यानि की इंजन आगे की ओर खिचता है तब प्लेन के विंग को इस तरह से हल्का तिरछा कर दिया जाता है ताकि विंग के ऊपर की हवा तेजी से गुजरे और विंग के निचे की हवा धीरे धीरे निकले।
जब ऊपर की हवा तेजी से निकलने लगती है तो विंग के ऊपर की हवा का दबाव विंग के निचे मौजूद हवा के दबाव से कम हो जाता है और यहीं पर लिफ्ट बल सामने आता है जो प्लेन को ऊपर की ओर धकेलता है. चुकी प्लेन का लिफ्ट बल, वेट से ज्यादा होता है इसलिए प्लेन हवा में उड़ जाता है, एक बार हवा में उड़ने के बाद सारे बल समान हो जाते हैं।
- जब लिफ्ट और थ्रस्ट बल ज्यादा होता है तो प्लेन ऊपर की ओर बढ़ता है।
- जब सारे बल बराबर होते हैं तो प्लेन सीधे लाइन में चलता है।
- जब गुरुत्वाकर्षण बल और घर्षण बल ज्यादा होते हैं तो प्लेन निचे आ जाता है, प्लेन को निचे लाने के लिए प्लेन की रफ़्तार को कम करना पड़ता है यानि की थ्रस्ट को कम करना पड़ता है , ये सब इंजन की रफ़्तार को कम करने से होता है।
Bahut aachi jaankari dene ke liye .thanks
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motor kaise kaam karti hai thanks very much
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थैंक्स
It’s correct but my question is which is the fuel or whatever things is used to fly the plane means aeroplane
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जानकारी देने के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद
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Maf krna mujhe achhi English nhi
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KYA AAP PART KI V JANKARI DE SAKTE HAI SIR PLZ
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Kon si force ke karn plane fly krta hai
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Bahut aksha understand ke liye Thanks
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