H.I.V ( एच आईवी एड्स ) AIDS क्या है? what is aIDS in hindi

Introduction :
AIDS का पुरा नाम ( Aquired Immuno Deficiency  Syndrom ) होता है जिसका अर्थ होता है दूसरों से अर्जित किया गया प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट करने वाला लाइलाज बीमारी। यह बीमारी एक खतरनाक virus द्वारा होता है जिसे H.I.V ( Human Immuno Deficiency virus ) कहा जाता है इस virus को LAV ( Lympha Denopathy Associated virus ) भी कहा जाता है। यह बीमारी पूरे दुनिया भर के लोगों को ग्रसित करके रखा है। हर देश इस रोग से छुटकारा पाने का अथक प्रयास कर रहा है। अबतक इसका कोई सफल इलाज नहीं हुआ है। लोगों को एड्स ना हो और लोग एड्स के बारे में समझ सके, इसके लिए पूरे दुनिया भर में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

Synonyms ( पर्यायवाची नाम )  :
AIDS को LAV रोग Retro बीमारी, लाइलाज बीमारी तथा प्रतिरोधक क्षमता नस्ट होने वाला बीमारी इत्यादि नाम से जाना जाता है।

Symptoms ( पहचान ) :
जब किसी व्यक्ति को एड्स हो जाता है तो उसमे निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता का समाप्त हो जाना। Blood मे H.I.V positive पाए जाना। शारीरिक तापमान हमेशा बड़ा रहता है। वजन का लगातार कम होना। दिमाग हमेशा चिंतित मुद्रा में रहना और हमेशा मारने या मरने की बात सोचना।

Etiology ( कारण ) :
AIDS होने का मुख्य कारण निम्नलिखित है।- अपरिचित स्त्री या पुरुष के साथ संबंध बनाना। बिना जांच किए किसी का खून किसी ने चढ़ा देना। एक ही niddle से अनेकों व्यक्तियों को inject  करना। एक ही blood या अस्तुरा से अनेकों व्यक्तियों का saving करना। एड्स के मरीजों द्वारा संतान उत्पन्न करना।

Manegement ( निवारण/बचाव ) :

एड्स ना हो इसके लिए हमें सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए।
मिथुन के समय condom का प्रयोग करना चाहिए। खून लेनदेन करने से पहले उसका जांच कर लेना चाहिए। एक niddle से एक ही बार inject करना चाहिए। एड्स के मरीजों को ना तो शादी करना चाहिए और ना ही बच्चे पैदा करना चाहिए। गलत संगति से निकलकर अच्छे माहौल में आना चाहिए और धार्मिक पुस्तकें पढ़ना चाहिए। ज्यादा दर्द और बुखार आने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

Prognosis :
यदि एड्स का मरीज लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहता है तो कुछ दिन उसकी जिंदगी और बढ़ जाती है अन्यथा उसकी मौत हो जाती है।

Treatment ( उपचार/ इलाज ) :
मुंबई के एक कैंसर अनुसंधान संस्थान H.I.V – I , H.I.V – II एवम W.Biot किट बनाया है जिसके द्वारा Serological test  करके H.I.V होने या ना होने की पुष्टि किया जाता है और यदि यह व्यक्ति एड्स का मरीज निकलता है तो उसे zidovudine , Azodothymidine , XQ- 9302 , Amphotericin-B इत्यादि दवाओं का Regular सेवन करनी चाहिए।