Introduction :
Anthrax वास्तव में मवेशियों में होने वाली बीमारी है जो कभी-कभी संपर्क में आने पर मनुष्य को भी हो जाता है यह एक संक्रामक बीमारी है जो हवा के माध्यम से तेजी से फैलता है यह बीमारी मवेशियों को गंदगी से फैलती है यह बीमारी ज्यादातर बरसात के मौसम में होती है उचित इलाज कराने पर यह बीमारी 100 % ठीक हो जाती है अन्यथा मवेशी की मौत हो जाती है यह बीमारी Bacillus Anthracis नामक जीवाणु से होता है जिसकी शुरुआत मवेशियों के खुर से होता है जो आगे चलकर मुंह को भी संक्रमित कर देता है एंथ्रेक्स के जीवाणु मिट्टी में मौजूद होते हैं और कई वर्षों तक सुप्त अवस्था में रहते हैं यह मानव के साथ-साथ कई जानवरों जैसे घोड़ा , गाय, बकरी और भेड़ इत्यादि को भी प्रभावित कर सकता है।
Etiology :
मवेशियों को ज्यादातर गंदगी में समय बिताना, पहले से संक्रमित मवेशी को झुंड में रखने से भी एंथ्रेक्स फैलता है। यदि आप जानवरों की खाल, फर या ऊन से संबंधित काम करते हैं तो आपको एंथ्रेक्स होने की संभावना ज्यादा है। हवा के माध्यम से यह रोग तेजी से फैलता है। मवेशियों को टीका नहीं लगवाने पर भी एंथ्रेक्स होता है।
Symptoms :
इस बीमारी में मवेशी लंगड़ने लगती है। खुर के बीच में जख्म हो जाता है जिसमें तीव्र खुजली होता है मुंह से खुजलाने के बाद मवेशी का मुंह भी संक्रमित हो जाता है जिससे खाने पीने में मवेशी को काफी दिक्कत होती है। मवेशी को कभी-कभी तेज बुखार भी आता है और वह अकेले में रहना पसंद करती है।
Manegement :
मवेशी को यह बीमारी ना हो उसके लिए गौसाले को पूरी तरह साफ सुथरा रखना चाहिए। तत्काल पशु चिकित्सक को बुलाकर अच्छे एंटीबायोटिक का प्रयोग करवाना चाहिए। ऐसे संक्रमित मवेशियों को अलग व्यवस्था कर देनी चाहिए ताकि दूसरे मवेशी संक्रमित ना हो। ऐसे मवेशियों की देखरेख करने वाले व्यक्ति को भी सतर्क रहना चाहिए और यदि मवेशी इस रोग से मर जाए तो उसे इधर-उधर फेंकने या गाड़ने की वजह जला देना चाहिए।
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