माचिस की तीली के एक सिरे पर जिलेटिन की सहायता से फास्फोरस की परत बनाई जाती है। जब उस सिरे पर घर्षण या रगड़ पैदा होती है तो उसमे आग उत्पन्न होती है। माचिस की तीली पर रगड़ के कारण उसमें ऊष्मा पैदा होती है, जो गैस का सृजन करती है व ऊष्मा से चिंगारी बनकर तीली जल उठती है। ध्यान देने योग्य बात है कि माचिस की तीली को जलने में गैस का योगदान होता है।
इस बात से तो आप सब अवगत ही हैं कि चन्द्रमा को पृथ्वी के एक उपग्रह के रूप में माना जाता है तथा चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूर्णन करता है। पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण अधिक प्रबल रूप से कार्य करता है, परन्तु चन्द्रमा पर गुरुत्व प्रभाव अत्यन्त कम है।
अब यहाँ हम आपको इस तथ्य से अवगत करवाना चाहते हैं कि यदि चन्द्रमा पर माचिस की तीली जलाने का क्या प्रभाव होता है?
इसका उत्तर है कि चन्द्रमा पर माचिस की तीली आग नही पैदा करती व नही जलती। इसका कारण यही है कि चन्द्रमा पर गुरुत्व प्रभाव अत्यन्त निम्न स्तर पर होता है। गुरुत्वाकर्षण की कमी होने की वजह से जब तीली पर रगड़ की जाती है तो उसमें ऊष्मा युक्त गैस की स्थिरता नही बन पाती और यह नही जलती है|
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