पोजीट्रान भी किसी पदार्थ का एक अणु होता है जिस प्रकार इलेक्ट्रान होता है, परन्तु इसका चार्ज इलेक्ट्रान का बिल्कुल उल्टा होता है | या फिर ये कहें की इलेक्ट्रान के एन्टीपार्टीकल को पोजिट्रान कहतें है |इसका द्रव्यमान और इलेक्ट्रान का द्रव्यमान एक जैसा होता है परन्तु इनका चार्ज बिलकुल उल्टा होता है, एक इलेक्ट्रान का चार्ज नेगटिव होता है तो पोजीट्रान का चार्ज पाजिटिव होता है | पोजीट्रान का निर्माण एक एन्टीमैटर होता है | क्यूंकि, जब एक पॉज़िट्रान एक इलेक्ट्रान से मिलता है तो उत्पन्न उर्जा से ये पूरी तरह खत्म हो जातें है |
भौतिक विज्ञानी पॉल दिराद द्वारा 1 9 28 में पॉजिट्रॉन का अस्तित्व भविष्यवाणी की गई थी, और भौतिक विज्ञानी कार्ल एंडरसन द्वारा 1 9 32 में पूर्ण रूप से पॉजिट्रॉन की खोज की गई।
पॉजिट्रॉन उत्सर्जन टोमोग्राफी (पीईटी) नामक एक चिकित्सा तकनीक में उपयोग होतें है, जो विशेष रूप से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र स्कैनिंग में उपयोगी होता है | एक पीईटी स्कैनर उत्पादित विकिरण का पता लगाता है जब कोई पदार्थ पॉज़िट्रान उत्सर्जित करता है तो वह अपने चारों ओर उपस्थित इलेक्ट्रान द्वारा नष्ट कर दिया जाता है |
पॉजिट्रॉन एकमात्र ज्ञात एंटीमैटर कण नहीं है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में एंटीपार्टिकल्स भी होते हैं, जिन्हें क्रमशः एंटी-प्रोटॉन और एंटी-न्यूट्रॉन के रूप में जाना जाता |
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