अनुकूलन जीवों के द्वारा की जाने वाली उस प्रक्रिया का नाम है, जिसमे सभी जीव अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए और अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते है, अर्थात माहौल के अनुसार अपने को उस योग्य बनाते है। इस सम्पूर्ण प्रकिया को अनुकूलन कहा जाता है।
अनुकूलन के अंतर्गत जीव अपनी प्रजनन की क्षमताओ को परिवर्तित कर सकते है। इसके साथ ही पूर्वजो से मिले हुए गुणों में भी बदलाव करके उसका परिष्करण किया जा सकता है। उदहारण के रूप में हम समझ सकते है, जैसे कि:-
- मरुस्थलीय इलाको में, जहाँ पानी की अत्यधिक कमी होती है, वहां कुछ प्रजाति के पौधे अपनी पत्तियों के किनारों पर एक ऐसे द्रव का निर्माण करते है, जिससे वाष्पोउत्सर्जन के अंतर्गत पानी की हानि कम से कम हो सके।
- ऐलन के नियम के अनुसार, बर्फीले स्थानों में स्तनधारियों के कानों का आकार छोटा होता है, जिससे शरीर की ऊष्मा का विसर्जन न हो सके और वो जीव वातावरण को अपने अनुसार अनुकूलित कर सके।
- सील जैसा समुद्री प्राणी, जो अधिकतर ठण्डे इलाकों में पाया जाता है, उसकी त्वचा की निचली परत मोटी होती है, जिससे की वो चल पता है।
- मानव में अनुकूलन :- अत्यधिक ऊंचाई पर रहने वाले मनुष्यों को अधिक आक्सीजन की आवश्यकता होती है, क्योकि ऊंचाई पर वायुमंडलीय दबाव कम होता है, इसलिए मनुष्य का शरीर स्वत: ही लाल रुधिर कोशिकाओ को बढ़ाकर एवं श्वसन की दर तेज कर देता है, जिससे शरीर की आक्सीजन की कमी दूर हो जाती है, और साँस लेने में तकलीफ नहीं होती।
बहुत अच्छा है इसे हम को पढ़ने में आसानी होगी धन्यवाद
Ek mansik mandit bachhe ke bare main bataey kese Karena
बहुत बढ़िया है
Nice
Helpful
Nice
Nice aap Hamesha aise hi kuch na kuch naya batate rahiye !
Bhot shandaar easy hai
Bahut hi saral tarike se samjhaya gaya h thanks
Very nice difination .
Thanks
I have to say you explain very well
Really this is very good definition
Nice
Vry nice I m satisfy this ans
Very nice
Anukulan yadi hamare Jeevan mein hi Ho to hum har samasya Samadhan kar sakte hain
Thank you
nice
बहुत बढ़िया
Dhanyvad dost dhanyvad thanks