चीटियाँ लाइन में क्यों चलती हैं?

चींटी

चीटियों को कीट पतंगों की दुनिया में सबसे व्यवस्थित और सामाजिक प्राणी माना गया है| चीटियों की दुनिया पर शोध और अध्यन करने वाले कई वैज्ञानिकों ने इनसे जुड़े हुए काफी रहस्यमय तथ्यों को उजागर किया है| हमेशा झुंड और समुदाय में हरकत करने वाला यह जीव अपने आप में कई खूबियां समाए हुए हैं, इन्हीं विशेषताओं में से एक विशेषता है चीटियों का हमेशा एक पंक्ति में आगे बढ़ते रहना| ऐसी भ्रांतियां फैली हुई है कि चीटियां देख नहीं पाती और उनको दृष्टि दोष होता है लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यह मात्र एक भ्रम है|

एक रसायन जो संगठित करने का काम करता है|

चीटियों के सूंघने की शक्ति काफी शक्तिशाली और प्रबल मानी जाती है पूर्व में किए गए कई वैज्ञानिक शोध इस बात की पुष्टि करते नजर आते हैं| चीटियां जब भी खाने की तलाश में या शिकार करने हेतु निकलती है तो समुदाय का नेतृत्व करने वाली चींटी सबसे आगे चलती है|

सबसे शीर्ष पर चलने वाली चीटी आगे चलते समय फेरोमोंस नामक एक रसायन छोड़ती है जिसका अनुसरण उनके पीछे चलने वाली चीटियां करती है व सूंघते हुए उसका पीछा करती है| इसी क्रम को प्रत्येक चींटी आगे बढ़ते दोहराती हैं, इस तरह से चींटियाँ एक क्रमबद्ध तरीके से चलती हुई प्रतीत होती है|

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि से फेरोमोंस नामक रसायन चीटियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है| चीटियों के झुंड का नेतृत्व करने वाली चींटी परिस्थितियों और समय के अनुसार अलग-अलग तरह के तकरीबन 20 फेरोमोंस का,पीछे चलने वाली चीटियों के लिए छिड़काव करती है| यही रसायन चीटियों को उनके उद्देश्य की जानकारी भी प्रदान करता है| उदाहरण के लिए उनका झुंड यदि किसी शिकार की तलाश में है तो वह एक अलग प्रकार के फेरोमोंस का छिड़काव करेंगी| वहीं एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन करने की स्थिति में फेरोमोंस के प्रकार में बदलाव आ जाएगा|