टैटू कैसे बनाए जाते हैं। How tattoo works in Hindi

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आपने अक्सर लोगो को टैटू बनवाते हुए देखा होगा लेकिन क्या आपको पता है की टैटू कैसे काम करता है और यह हमेशा के लिए कैसे बन जाता है।

टैटू परमानेंट कैसे हो जाता है यह बात आप सोच रहे होंगे। चलिए हम इस पोस्ट में आपको बताते हैं की टैटू कैसे बनाये जाते हैं, टैटू परमानेंट कैसे हो जाता है और क्या टैटू के कोई नुकसान भी हैं ?

हमारे त्वचा ( skin ) में 3 लेयर्स होते हैं

  • एपिडर्मिस (Epidermis)
  • डर्मिस (Dermis )
  • ह्यपोडर्मिस (hypodermis)

एपिडर्मिस सबसे बाहरी लेयर होता है और यह उसके निचे के लेयर डर्मिस को बचाता है, डर्मिस लेयर में बालो के हेयर फॉलिकल्स (बालो की जड़े ), कनेक्टिव टिश्यू और स्वेट ग्लांड्स (जिससे पसीना निकलता है ) पाए जाते हैं।

टैटू मशीन में छोटे छोटे सुई होते हैं जो त्वचा के डर्मिस लेयर में रंग डाल देते हैं, जो की हमारे त्वचा का दूसरा लेयर है।

चुकी इस दौरान हमारी त्वचा को नुकसान पहुँचता है इसलिए उसका मरम्मत और
रंगो के कणो को खून के द्वारा बाहर निकलने के लिए वाइट ब्लड सेल्स आगे आते है, लेकिन वे ऐसा कर नहीं पाते क्यों की वाइट ब्लड सेल्स के लिए ये रंगो के कण आकर में काफी बड़े होते है। ये कण इतने बड़े होते हैं की हमारे नन्हे वाइट ब्लड सेल्स उसे खा नहीं पाते।

आपको पता होना चाहिए की वाइट ब्लड सेल्स ही हमारे शरीर के सैनिक हैं। ये सेल्स ही बीमारियों और बक्टेरियो से लड़कर हमे बचाते हैं, वाइट ब्लड सेल्स ही रोग प्रतिरोधक क्षमता के अभिन्न अंग हैं। लेकिन वे बिचारे इंसान के इस करतूत को सही नहीं कर पाते और रंगो के ये कण जहाँ डाला गया था वही पड़ा रहता है। इसी से यह परमानेंट टैटू बन जाता है।

टैटू पर अपने बॉयफ्रैंड का नाम लिखवाना और शादी किसी दूसरे लड़के से करना, ऐसी करतूत करने वालो को काफी परेशानी झेलनी पड़ती हैं।

उन्हें टैटू हटवाना पड़ता है जो की काफी मुश्किल भरा काम होता है।

अब आप सोच रहे होंगे की टैटू तो परमानेंट हो गया है तो फिर यह हटाया कैसे जा सकता है ?

आप सही सोच रहे हैं लेकिन सोचिये अगर हम उन रंगो के कणो को तोड़कर इतना छोटा कर दे की हमारे वाइट ब्लड सेल्स उसे खा जाये तो फिर कैसा रहेगा ?

टैटू हटवाने के लिए लेज़र का इस्तेमाल किया जाता है। इस लेज़र का काम बस इतना होता है की वो रंगो के कणो को तोड़कर छोटा कर दे।

जब सारे कण छोटा हो जाते हैं तो हमारे नन्हे वाइट ब्लड सेल्स उसे उस जगह से हटा देते हैं और इस तरह टैटू हट जाता है लेकिन वह पूरी तरह नहीं हटता वह पर दाग बन जाता है जो हटाने के लिए कई बार same प्रक्रिया से गुजारनी पड़ती है।

मतलब की आपका टैटू एक बार में नहीं हटाया जा सकता है उसके लिए आपको कई बार लेज़र से अलग अलग सेशन में हटवाना पड़ेगा और कई बार दाग नहीं हटता।