हमें नींद क्यों आती है

sleeping baby

नींद का आना एक स्वाभाविक और आम प्रक्रिया है, जो नियमित रूप से होती है।  हर इंसान को नींद आती है और हर व्यक्ति ही सोना पसंद करता है। कई बार हम काफी कोशिश करते हैं कि हमारी नींद ना लगे मगर फिर भी हम सो ही जाते हैं।

कई बार लोग यह सवाल पूछते हैं कि हमे नींद क्यों आती है। नींद आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें शरीर अपनी सारी गतिविधियों को न्यून कर आराम की मुद्रा में चला जाता है। इस प्रक्रिया का संचालन मस्तिष्क के द्वारा होता है जिसमें धडकनें सामान्य या मंद हो जाती है।

एक स्वस्थ वयस्क को 8 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं जब यह समय कम या ज़्यादा हो जाता है तो इससे स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ने लग जाता है।

नींद आपके मूड को भी प्रभावित कर सकती है, कम नींद के कारण आप चिडचिडापन महसूस कर सकते हो, कई बार इसकी वजह से रिश्तों में भी खटास आ जाती है। और आपके कई अपने आपसे दूर हो जाते हैं।

नींद आने का एक कारण यह भी है कि हम दिन भर में ऊर्जा के रूप में कई कैलोरी को खर्च कर देते हैं जिसकी भरपाई के लिए शरीर को सोना बेहद जरुरी है। मगर वहीं कई वैज्ञानिकों का ऐसा भी मत है कि रात को सोने के दौरान हम उतनी ही कैलोरी बचा पाते हैं जो हमें एक रोटी से प्राप्त होती है।

अगर देखा जाए तो सोने की आवश्यकता जितनी शरीर को होती है उससे कहीं ज़्यादा हमारे दिमाग को होती है।

अगर हम लम्बे समय तक नहीं सोते हैं तो इसका प्रभाव हमारे सोचने समझने की शक्ति पर पड़ता है। जब दिमाग को आराम की आवश्यकता होती है वो शरीर को सोने के लिए आदेश देता है। इसी वजह से हमारी पलकें भारी होने लगती है और हमें नींद आने लगती है।