आज के ब्लॉग में हम ऊर्जा के बारे में बात करेंगे , देखेंगे की आखिर ऊर्जा क्या होती है ? ऊर्जा को हम रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करतें है , तो आपको लगेगा की आपको पता है की ऊर्जा क्या होती है ? पर सच ये नहीं है, ऊर्जा को परिभाषित करना बहुत ही मुश्किल काम है |
हमे हर काम के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है | अपने शरीर को हिलाने से लेकर कोई भी काम, हर चीज के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है | लेकिन यह आती कहाँ से है ? और हमें इसकी जरूरत क्यों होती है ? भौतिक विज्ञानी कहतें है की ऊर्जा एक योग्यता है, किसी भी चीज को एक जगह से दूसरी जगह हटाने की दूसरे शब्दों में कहें तो
“किसी भी कार्य को करने की क्षमता ही ऊर्जा कहलाती है “
अगर आप को पता हो , ये जो इंडियन उपमहाद्वीप होतें है जैसे की – बांग्लादेश, इंडिया , नेपाल इत्यादि , इनमे मनोरंजन करने का एक कमाल का तरीका हुआ करता था | कुछ लोग जिनको हम बहरूपिया बोलतें है , वो लोग हुआ करते थे | ये लोग हर दिन अपना रूप बदल लेते थे और शादी- ब्याहों में जाया करते थे और लोंगो का मनोरंजन किया करते थे |हालाँकि हमे इन बहरूपियों की हर दिन अलग – अलग शक्ल दिखती थी , अलग-अलग रूप दिखता था , लेकिन हमको पता होता था की इन सब रूपों के पीछे सिर्फ एक ही इंसान है, लेकिन वो हमको दिखाई नहीं देता है |
ऊर्जा भी इसी तरह की होती है , ये संचित की हुई ऊर्जा हो सकती है, मुक्त ऊर्जा हो सकती है – कोई फर्क नहीं पड़ता की यह किस रूप में है|
ऊर्जा किसी भी वस्तु का वो गुण है जिससे एक वस्तु द्वारा दूसरे वस्तु में परिवर्तन {यह उसका स्थान, आकर इत्यादि } करने की क्षमता प्रदान करता है या फिर किसी दूसरे रूप में बदल दिया जाता है |
सबसे जरुरी बात, ऊर्जा न तो बनाई जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, यह सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह भेजी जा सकती है | इसे ऊर्जा संरक्षण का नियम भी कहतें है |ऊर्जा सिर्फ एक ही होती है पर इसके कई रूप होते है जैसे की गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा| हम ऊर्जा देख नहीं पाते बल्कि इसके रूपों को देख पातें है |
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