“पहला सुख निरोगी काया” यह तथ्य जनसामान्य में सर्वविदित है। प्रत्येक मनुष्य जानता है कि स्वस्थ शरीर ही सुखी जीवन का प्रथम आधार है और यदि अन्य सुख प्राप्त हो जाये, परन्तु शरीर ही रोगमुक्त और स्वस्थ न हो तो बाकी सब सुख फीके लगने लगते हैं। अतः रोगविहीन शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है- पोषक पदार्थ। यदि मनुष्य के शरीर में पोषक पदार्थ उपयुक्त मात्रा में है तो वह रोगविहीन शरीर के साथ जीवन के अन्य सभी सुखों व आनन्द को प्राप्त करके खुशमय जिंदगी व्यतीत कर पाता है।
प्रत्येक जीव के लिए पोषक पदार्थ आवश्यक हैं; चाहे मानव हो या पशु या पौधे। मानव शरीर में मुख्य रूप से पाये जाने वाले पोषक पदार्थ हैं- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज लवण, वसा, न्यूक्लिक अम्ल व जल। इन सभी पोषक पदार्थों का शरीर में सही संतुलन ही स्वास्थ्य का सही संतुलन बनाकर रखता है।
पोषक पदार्थ ऐसे तत्व हैं जो शारीरिक विकास व गतिशीलता बनाये रखने के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। शरीर को सुचारू रूप से संचालन के लिए व ऊर्जा बनाये रखने के लिए पोषक पदार्थों का शरीर में पहुंचना बेहद जरूरी होता है।
कुछ पोषक पदार्थों को संतुलित व शुद्ध भोजन से अर्थात् बाह्य स्रोत्र से प्राप्त किया जाता है तथा कुछ को मानव शरीर आंतरिक रूप से स्वयं क्रिया करके संश्लेषित करता है। रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कायम, प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत, स्नायु तन्त्र का विकास, दीर्घायु, तन्त्रिकाओं का विकास, पर्याप्त रक्त का स्तर, शरीर के आंतरिक व बाह्य अंगो के स्वास्थ्य व रक्षा के लिए आदि बहुत सी आवश्यकताओं व आवश्यक क्रियाओं के उचित संचालन के लिए ज़रूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से उन खाद्य उत्पादों को ग्रहण करना चाहिए, जिनसे वह सभी पोषक पदार्थों का उचित स्तर बनाये रख सकता है तथा फलस्वरूप सफ़ल व सुखपूर्ण जीवन यापन कर सकता है।
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