जब भी हम किसी computer के बारे में बात करते हैं तो Processor की बात तो जरुर ही आती है। एक computer किसी processor के बिना मुमकिन ही नहीं होता। सभी कंप्यूटर के लिए processor का होना अनिवार्य होता है। इस processor के कई नाम है जैसे की CPU, central processor और microprocessor . माइक्रो प्रोसेसर के बारे में जानने से पहले आप यह जान लीजिए कि सीपीयू का फुल फॉर्म क्या होता है उसके बाद हम जानेंगे कि माइक्रो प्रोसेसर क्या है।
CPU का Full Form
CPU का Full Form होता है Central Processing Unit.
Microprocessor क्या है?
Microprocessor एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसमें लाखो ट्रांजिस्टरो को एकीकृत परिपथ यानि इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी के रुप में प्रयोग करके तैयार किया जाता है। इससे कंप्यूटर के सीपीयू यानि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के तरह काम लिया जाता है।
दरअसल इंटीग्रेटेड सर्किट के आविष्कार ने ही माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण का रास्ता खोला था। माइक्रोप्रोसेसर के अस्तित्व में आने से पहले सीपीयू अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक अवयवो को जोड़कर बनाए जाते थे या फिर लघुस्तरीय एकीकरण वाले परिपथो से।
सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर साल 1970 में बना था। तब इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलैटर में बाइनरी कोडिड डेसिमल या बीसीडी की गणना करने के लिए किया गया था। और बाद में टर्मिनल्स, प्रिंटर और ऑटोमेशन डिवाइस में 4 व 8 बिट माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया था।
आमतौर पर तो माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार का श्रेय इंटेल 4004 नामक माइक्रोप्रोसेसर को जाता है। इंटेल ने इसे साल 1971 में बाजार में उतारा था। पर यह भी सही है कि इसी समय टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स के टीएमएस 1000 और गॉरेट एआई रिसर्च यानी जीएसी ने सेंट्रल एयर डेटा कंप्यूटर (सीएडीसी) का निर्माण शुरू कर दिया था। इंटेल 4004 का आविष्कार साल 1969 में हुआ था। इसके निर्माण का आर्डर जापानी कंपनी बिजीकॉम ने इंटेल को दिया था। इसके प्रमुख अनुसंधानकर्ता के तौर पर इंटेल के इंजीनियर टेड हॉफ का नाम लिया जाता है। हालांकि टेड मूलत: चिप डिजाइनर नहीं था लेकिन उसने बिजीकॉम चिप में बदलाव करके इसका निर्माण किया।
इस माइक्रोप्रोसेसर की खूबियो को स्टेनली माजोर और बिजीकॉम के इंजीनियर मात्सातोषी सिमा ने जोड़ा। आधुनिक चिप को विकसित करने का श्रेय फ्रेडरिको फेगिन को दिया जाता है। फ्रेडरिको ने ही सिलीकोन गेट तकनीक का आविष्कार किया जिसके बदौलत माइक्रोप्रोसेसर का सीपीयू में प्रयोग हो सका।
टेड हॉफ वैसे तो researcher नही थे और ना ही वह कोई चिप Engineer थे लेकिन बिजीकॉम की चिपो के बदलाव के कारण उन्होंने 4004 Microprocessor का निर्माण किया। जिसमे 4 बिट Microprocessor को connect किया गया। इसके बाद साल 1974 में एक और Microprocessor को एकल चिप के रूप में बनाने की घोषणा की गई थी।
जिसे 8008 Microprocessor का नाम दिया गया। लेेेकिन यह चिप एक साल से भी कम समय में ही बहुत लोकप्रिय बन गयी। फिर साल 1978 में इटेल नें 16 बिट 8086 प्रोसेसर की खोज की जिसे इंटेल के 8086 और जिलॉग ज़ेड 8000 द्वारा दर्शाया गया था। इसे Microprocessor में मिनी Computer को 16 बिट प्रोसेसर के साथ प्रदर्शन किया गया था।
तीसरी पीढी के बाद साल 1990 में, इंटेल ने i386 प्रोसेसर जारी किया लेकिन यह प्रोसेसर सबसे पहले i386 व्यावसायिक रूप से उपलब्ध 32-बिट Microprocessor था। इस Microprocessor में पहली बार एक समय में एक से अधिक प्रोग्राम को चलाना संभव बनाया।
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