भोजन यानी की खाना सभी जीवो के जीवन के लिए इस दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है । फिर चाहे वो मनुष्य हो या फिर जानवर हो या पक्षी, भोजन सब के लिए अत्यंत आवश्यक होता है ।भोजन से हमारे शरीर एवं दिमाग दोनों को ऊर्जा मिलती है, जिससे हम अपने सभी काम सही तरीके से कर पाएं ।
परन्तु क्या होगा यदि हम खाना खाना सम्पूर्ण रूप से बंद कर दें ?
खाने के बाद शुरुआती ६ घंटों में सबकुछ सामान्य रहता है । इस दौरान हमारा शरीर ग्लायकोजन को, जो की ऊर्जा संचित करतें है , का इस्तेमाल करके शर्करा [ ग्लूकोज ] बनाती है जो की हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए ईंधन का काम करता है| इस शर्करा का २५ प्रतिशत भाग हमारा दिमाग इस्तेमाल करता है, बाकि ७५ प्रतिशत भाग हमारी रक्त कोशिकाएं और मांसपेशियों के ऊतक इस्तेमाल करतें है ।
पर ६ घंटे बाद जब ये ग्लायकोजन धीरे- धीरे ख़त्म होने लगता है तो हमारे मस्तिष्क और शरीर को ऊर्जा मिलना कम होने लगती है । जिसके कारण हमें भूख लगने लगती है। उसके बाद भी यदि हम भोजन नहीं लेते तो हमारा शरीर एक दूसरी विधि केटोसिस शुरू करता है।इसमें यह अपने अंदर जमा चर्बी या वसा को इस्तेमाल करना शुरू करता है, जिससे की फैटी एसिड बनतें है। ये एसिड हमारे शरीर के लिए अच्छे होतें है पर मस्तिष्क के लिए नहीं क्यूंकि, हमारा मस्तिष्क इन लम्बी चेन वाले फैटी एसिड(अम्ल) का इस्तेमाल नहीं कर पता है । और यह अपनी कार्यप्रणाली बदल कर दूसरे फैटी एसिड जो इसी केटोसिस के छोटी चेन से मिलकर बने होतें है का इस्तेमाल करने लगता हो । परन्तु इससे भी मस्तिष्क की २५ प्रतिशत आवश्यकता की ही पूर्ति होती है जो की पर्याप्त नहीं है जिससे हमारी भूख और भी बढ़ने लगती है । और हमारे सोचने और समझने की ताकत छिनने लगती है ।
और हम कमजोर पड़ने लगतें है । अब जब ७२ घंटे बाद हमारे दिमाग को ऊर्जा नहीं मिल पाती, तो यह हमारे शरीर के प्रोटीनों को इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। जो की अमीनो अम्ल बनातें है [ यह भी ग्लूकोज का एक अच्छा साधन है ] परन्तु यह हमारे शरीर के लिए लाभकारी नहीं होता है क्यूंकि, हमारा शरीर खुद को अंदर ही अंदर खाना शुरू कर देता है ।जिससे हमारा वजन कम होने लगता है, शरीर के पोषक तत्व कम होने लगतें है, और हम भुखमरी का शिकार होने लगतें है । इसके बाद भी हम आगे खाना नहीं लेते है तो२-३ हफ्ते के बाद हमारी मौत हो जाएगी । एक रिसर्च के अनुसार एक मनुष्य का शरीर ३०-४० दिनों में दम तोड़ देता है। लेकिन दुनिया अजूबों से भरी है, यहां कुछ ऐसी भी घटनाएं हुई है जहां लोग २-३ महीने बिना भोजन के बिता चुकें है ।
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