क्या हम ब्रह्मांड में अकेले है ?

यह एक ऐसा विषय है जिस पर आदिकाल से चर्चा की जा रही है मगर उसके बाद भीअभी तक किसी तथ्य पर नहीं पहुंचा जा सका है। कई लोग मानते हैं कि इस धरती के सिवा कहीं और जीवन संभव नहीं है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी की तरह कई पृथ्वी है जिस पर जीवन संभव है। इसी सूची में एक पूर्व अमेरिकी चंद्रयात्री भी है जो इस बात पर पूरा यकीन करते हैं कि अपनी दुनिया के अलावा भी दुनियाएं हैं। और इस दुनिया मे रहने वाले प्राणी हमसे कहीं ज़्यादा बुद्धिमान होते हैं और इतना ही नहीं वे अक्सर पृथ्वी पर भी आते रहते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका जैसे देशों की सरकारें इस बारे में जानती है मगर वो तथ्यों को छुपा रही है।

अमेरिका जैसे देशों पर गंभीर आरोप लगाने वाले भूतपूर्व चंद्रयात्री एडगर मिचेल ने एक साक्षात्कार में यह बात दावे के साथ कही कि इस ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं है। उन्हें अपनी इस बात पर पूर्ण विश्वास है कि मनुष्य जैसे प्राणियों का ब्रह्मण्ड के किसी अन्य लोक में अस्तित्व है। अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्र इसके बारे में जानते हैं मगर सब कुछ जानने के बाद भी वे तथ्यों को छुपा रहे हैं।

बता दें, एडगर वहीं है जो 14 चंद्रयान से 5 फ़रवरी 1971 को चंद्रमा पर अपने सहयात्रियों एलन शेपर्ड और स्टुअर्ट रूसा के साथ उतरे थे। एडगर ने लगभग 9 घंटे तक अपने सहयात्री एलन शेपर्ड के साथ चंद्रमा पर भ्रमण किया। यह अभी तक चंद्रमा पर विचरण करने का सबसे लंबा रिकॉर्ड है।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ एडगर ऐसा मानते हैं एरोनॉटिक्स में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त मिचेल विज्ञान के छात्र है। इन्होंने भी कई बार इस ओर इशारा किया है जुलाई 2008 में एक रेडियो को दिए साक्षात्कार में भी उन्होंने इसी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। उनके अनुसार इतरलोकीय प्राणी कई बार उड़न तश्तरी में बैठ कर पृथ्वी पर आ चुके हैं, वे कई बार मनुष्यों से संपर्क करने की कोशिष भी करते हैं। मिचेल अब 78 वर्ष के हो चुके हैं।

इतरलोकीय प्राणी

उनके अनुसार इतरलोकीय प्राणी छोटे कद के अजीब से दिखने वाले प्राणी होते हैं। इस बात की जानकारी उन्हें तब मिली जब वे अमेरिकी अंतरिक्ष अधिकरण नासा के लिए काम किया करते थे। उस दौरान इस तरह के “एलियन” से संपर्क में रह चुके “जानकार सूत्र” उन्हें इनके बारे में जानकारी दिया करते थे। एलियन की जो छवि बनाई गयी है जैसे कद छोटा, बड़ी आंखे, और बड़ा सिर मिचेल के अनुसार एलियन की यही पारंपरिक मान्यता होती है, वे इससे ज़्यादा भिन्न नहीं दिखते होंगे।

एडगर मिचेल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार से भी अनुरोध कर चुके हैं कि उड़न तश्तरियों और इतरलोकीय प्राणियों के बारे में अभी तक जो भी हांसिल किया जा चुका है उसे सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए। 21 अप्रैल को टेलीविज़न चैनल सीएनएन के साथ बातचीत के दौरान अपनी पुरानी बातों और साक्ष्यों की मद्देनजर उन्होंने यह बात कही।

इस कड़ी में मिचेल का 2008 में एओ रेडियो को दिया इंटरव्यू काफी अहम है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मैं काफी भाग्यशाली हूँ जो मुझे इन एलियन के बारे में जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं यह बात भी यकीन के साथ कह सकता हूँ कि यह कई बार हमारे ग्रह पर भी आएं है। हमारी सरकार इसके बारे में 60 सालों से जानती है मगर वो इसे दुनिया को बताना नहीं चाहती। मगर किसी न किसी माध्यम से यह जानकारी अब बाहर आ रही है। और हम में से कुछ सौभाग्यशाली लोगों को इस बारे में जानने का अवसर मिला है।

एडगर मिचेल इस तथ्य से इसलिए भी अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं क्योंकि न्यू मेक्सिको में रॉसवेल नामक जिस स्थान पर वे अपने जीवन के प्रारंभिक दौर में पले-बढ़े हैं। वहां के लोगों में इस बात को ले कर काफी विश्वास है कि 1947 के आसपास वहां एक रहस्यमय उड़न वस्तु अपने यात्रियों के साथ ज़मीन पर आई थी मगर ज़मीन से टकराते ही ध्वस्त हो गयी थी। यहाँ के लोगों ने दुनिया की सबसे महान शक्ति अमेरिका की सेना पर इस घटना पर पर्दा डालने और प्रत्यक्षदर्शियों का मुँह बंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मिचेल अपने उम्र के 70 वे पडाव में कहते हैं कि एक रॉसवेल का निवासी होने के नाते वे इस घटना को अब अच्छी तरह समझ सकते हैं। स्थानीय लोगों को “गोपनीयता की शपथ” दिलाई गयी मगर उसके बावजूद भी सेना और गुपतचर सेवाओं के लोगों ने उन्हें इतना कुछ बताया है कि वे इस घटना पर पड़ा पर्दा उठाने में लग गये हैं।

अमेरिकी सरकार इसके बारे में अपना पक्ष रखेंगे या नहीं यह तो नहीं कह सकते मगर सुनने में आया है कि आने वाले वक्त में ब्रिटिश सरकार उड़न तश्तरियों से संबंधित एकत्रित किये अवलोकनों और प्रत्यक्षदर्शी बयानों वाली कोई चुनी हुई फ़ाइल सार्वजनिक करने का निर्णय किया है। इस तरह की 200 फाइलों को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया है, इनमें से 90% मामले ऐसे हैं जिन्हें आसानी से रफादफा नहीं किया जा सकता मगर 10% फाइलें ऐसी हैं जिन्हें सुलझाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

मगर इस तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता कि पृथ्वी के आलावा भी कहीं जीवन है और वे उड़न तश्तरियां के सहारे प्रथ्वी पर आए हैं तो इसका अर्थ यही है कि पृथ्वी के अलवा भी कहीं बुद्धिमान प्राणधारियों का अस्तित्व है। हालाँकि अभी तक भू और अंतरिक्ष आधारित शोधकर्ताओं को ऐसे किसी अस्तित्व का रत्ती भर भी कोई संकेत नहीं मिला है।

मगर यहाँ यह समझना भी बेहद जरुरी है कि पृथ्वी के निकटतम बाह्यग्रहों की दूरियां सैकड़ों-हज़ारों प्रकाश वर्ष दूर है, ऐसी स्थिति में वैज्ञानिकों के लिए यह समझना बेहद कठिन हो जाता है कि क्या प्रथ्वी के अलावा भी कहीं ऐसे बुद्धिमान प्राणी है भी या नहीं? एक ऐसे प्राणी जो प्रकाश की गति से यात्रा कर सकते हैं और हज़ारों-लाखों प्रकाश वर्ष की दूरियां एक ही जीवनकाल में पूरी कर पृथ्वी पर भी पहुंच सकते हैं ? शोध किये जाते रहेंगे जिनके अनेक निष्कर्ष निकलेंगे।