कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) क्या है हम में से प्राय सभी ने अपने जीवन में CD या DVD का उपयोग जरुर किया होगा। क्यूंकि कुछ सालो के पहले की बात करें तो चाहे वो कोई गाना हो, या आपकी favourite movie हो सभी को स्टोर करने के लिए CD या DVD का ही उपयोग किया जाता था।
लेकिन क्या आप जानते हैं की CD या Compact Disc क्या है। Floppy Disk के बाद CD एक ऐसा storage device था, जिसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता था और इसे store करना भी आसान था।
जहाँ CD में बहुत ही कम space होने के कारण इसमें सिर्फ songs ही store किया जाता था। वहीँ DVD में ज्यादा space होने के कारण उसमें गाने के साथ साथ videos, movies भी store किए जाते थे। बहुत से लोगो को इस विषय में अभी तक कुछ पता नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि CD क्या है और इसके features क्या हैं।
जब हम एक round CD, DVD, या Blu-ray की बात करते हैं तो इसे “disc” कहा जाता है, न की “disk.” । वहीँ अगर आप एक magnetic media जैसे की floppy disk या एक hard disk drive की बात करते हैं, तो इसे “disk” कहा जाता है ना की “disc ।
जैसे की हमने पहले जाना है की compact discs का उपयोग data को store करने के लिए किया जाता है। जिसे की बाद में retrieve या execute किया जा सके। CDs में software programs भी store किया जाता है, और उसे ही बाद में computer में load किया जाता है। इनका उपयोग files को save करने के लिए किया जाता है एक backup के तौर पर या फिर उन्हें किसी दूसरे system में transfer करने के लिए, साथ ही उन्हें music को hold करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
एक CD कितनी Data को hold कर सकती है?
एक standard CD 72 minutes के music या 650 MB के data को hold करने के लिए capable होती है। वहीँ एक 80 minute की CD 700 MB के data को hold करने के लिए capable होती है।
CD के पहले क्या Storage Device का उपयोग किया जाता था?
CD के उपयोग से पहले ऐसे बहुत से storage media थे जिनका उपयोग किया जाता था। लेकिन CD के पहले जो सबसे common storage media था वो था 3.5″ floppy diskette .
कंपैक्ट डिस्क एक छोटे गोलाकार के फ्लैट रिकॉर्ड करने जैसा उपकरण होता है। जो कि 700 MB डाटा तक संग्रहित करके रख सकता है। इसका व्यास 4.75 इंच का होता है। यह एक पोर्टेबल डाटा स्टोरेज डिवाइस है जिससे आप अपने साथ किसी भी जगह कहीं भी ले जा सकते हैं। सीडी में आप जो भी डाटा संग्रहित करके रखते हैं उसकी क्वालिटी लंबे समय तक वैसी ही रहती है। सीडी में किसी भी तरह का डाटा जैसे की वीडियो, ऑडियो, चित्र, टेक्स्ट आदि प्रारूप में संग्रहित करके रखा जा सकता है।
जब हम सीडी को किसी सीडी प्लेयर में डालते हैं, तो यह गोल गोल घूमने लगती है और डाटा ऑप्टिकल ड्राइव से लेजर के जरिए पढ़ा जाता है। सीडी को ही CD-ROM भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें एक बार ही डाटा को स्टार्ट किया जा सकता है। एक बार सीडी में डाटा भरने के बाद आप उस डेटा का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उसमें कोई दूसरा डेटा नहीं भर सकते।
CD का आविष्कार किसने किया?
दरअसल CD के आविष्कार होने का क्रेडिट किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया जाता। क्योंकि ऐसे बहुत से लोगो के योगदान के वजह से आज सीडी का यह रूप हम देख रहे हैं। हालांकि James Russell नाम के एक व्यक्ति को मुख्य तौर पर CD के आविष्कारक माना जाता है।
क्योंकि उन्होंने CD की खोज की थी। साल 1965 में James Russell नामक व्यक्ति ने सीडी की खोज की थी। उन्होंने सीडी का पेटेंट Sony और Phillips कंपनी को बेच दिया था। इसी कारण सबसे पहले सीडी का निर्माण 17 मई साल 1978 को जापान में किया गया था। लेकिन सबसे पहले सीडी बनाने की शुरुआत साल 1982 के 17 अगस्त को जर्मनी के फिलिप्स कंपनी के कारखाने में हुई थी।
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