बिजली संभवतः दुनिया की सबसे बड़ी खोज है। आज हम बिजली के बगैर अपनी जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। यह विज्ञान का हमें दिया हुआ ऐसा वरदान है, जिससे तक़रीबन सभी बड़े-बडे आविष्कार कही न कही जुड़े हुए है। ऐसा कहा जाता है कि बिजली स्वाभाविक रूप से होती है और यह ऊर्जा का एक रूप है, इसलिए इसे “खोजा” गया था, न कि “आविष्कार” किया गया। बिजली की खोज का श्रेय कई प्रतिभाओं को दीया जाता है, केवल एक को ही नहीं।
बिजली की खोज का कार्य ६०० ईसा पूर्व में शुरू हुआ जब प्राचीन यूनानियों ने सीखा कि एम्बर(जीवाश्म वृक्ष) पर फर घिसने से जो राल बनती है उससे वस्तुओं के बीच चुंबकत्व का निर्माण होता है , जिसे आज ‘स्थिर ऊर्जा’ कहा जाता है। १९३० के दशक में शोधकर्ताओं ने प्राचीन बैटरीयों की खोज की, जो तांबे की चादरों के साथ बर्तनों से बनी थी , जिससे प्रागैतिहासिक रोमन साइटों पर बिजली उत्पादन करने के उनके प्रयास को चिन्हित किया गया था। प्राचीन बगदाद में भी पुरातात्विकों(archeologists) द्वारा इसी तरह की कलाकृतियों की खोज की गई। इन कलाकृतियोंको बैटरी के प्रारंभिक स्वरूप के रूप में माना जाता है।
१७ वीं शताब्दी में, इलेक्ट्रोस्टैटिक जनरेटर (electrostatic generator) का आविष्कार और सकारात्मक (धन) और नकारात्मक (ऋण) प्रवाह (current) की खोज हुई। इन्ही दो खोजों से दुनिया में इलेक्ट्रॉन युग की शुरुआत हुई । ई.स. १६०० में अंग्रेजी चिकित्सक विलियम गिल्बर्ट ने लैटिन शब्द “इलेक्ट्रिकस” का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ रगड़ने वाली दो वस्तुओं के बीच घर्षण के लिए पर्यायवाची शब्द के रूप में किया था। बाद में, एक और अंग्रेजी वैज्ञानिक, थॉमस ब्राउन ने अंग्रेजी चिकित्सक विलियम गिल्बर्ट के कार्य पर अपनी शोध और निष्कर्षों का वर्णन करने के लिए ‘बिजली’ शब्द का इस्तेमाल किया। इस तरह यह शब्द प्रचलित हुआ। १७५२ में, बेन फ्रैंकलिन ने निष्कर्ष निकाला कि इलेक्ट्रिक स्पार्क और बिजली एक ही चीज़ का नाम है।
उसके बाद में यह शोध लगा कि रासायनिक प्रतिक्रियाएं भी बिजली उत्पादन करने में सक्षम हैं।यह सिद्ध किया एक इटालियन भौतिकशास्त्रन अलेक्सांद्रो वोल्टा ने। उन्होने बाद में इलेक्ट्रिक बैटरी का भी निर्माण किया, जो स्थिर इलेक्ट्रिक प्रवाह का निर्माण कर सकती थी। इलेक्ट्रिकल चार्ज का स्थिर प्रवाह बनाने का यह पहला प्रयास था। पॉजिटिव-चार्ज और निगेटिव चार्ज कनेक्टर को जोड़कर और उनके माध्यम से वोल्टेज चलाकर बिजली के पहले संचालन के प्रबंधन का क्रेडिट वोल्टा को मिलता है।
१८३१ में, माइकल फैराडे ने एक चुंबक का उपयोग किया जो तांबे के घुमाया हुये तार के अंदर जाने में सक्षम था और तांबे के तार के माध्यम से प्रवाह के छोटे अनुपात के विद्युत प्रवाह का निर्माण हुआ । इसलिए, उन्होंने व्यावहारिक तरीके से विद्युत प्रवाह उत्पन्न करने के लिए एक प्राथमिक विद्युत जनरेटर को आधार बनाया। उसके बाद १८७८ मे अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने फिलामेंट लाइट बल्ब का आविष्कार किया।
बिजली के खोज में अलग-अलग युग और विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों का योगदान है। लेकिन बिजली उत्पादन के पीछे एक घटना के बाद एक घटना की खोज हुई, जिससे बिजली उत्पादन को क्रांतिकारी बना दिया गया, जिसमें बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर, जनरेटर इत्यादि शामिल है।
me bhi kuc bana chahata hu
great
Nice
Ohh
Nice
Very nice
ankit thik
Nice story of vidhut
Thanks sir
#
hi sir
हाय मोनू
Very nice
thank you sir
Lajab sir
Kuchh new jankari miel sakta hai kya
Very nice
Vidyut ka aviskar kab aur kisne kiya
Kuchh nya mil Sakta h kya
Bhae sahab ko dhanywad
Pen and watch ka khoj kishne kiya batayea
ये बैज्ञानिक नहीं बल्कि बैज्ञानिक के रूप में भगवान थे। बरना बिजली के बिना तो आज कुछ नहीं रहता।
धन्यवाद
ऊन वैज्ञानिकों ने जो भी किया हमारे लिए किया उन वैज्ञानिकों को कोटि-कोटि नमन उनके पीछे कुछ हमको भी सीखने को मिला जय हिंद जय भारत
Gh
Very nice sir pehli baar jaan kr achchha lga
Aapki sooch achhi hai aapke vichar achhe hai sir. Myself Mridul
Sir hame puri tarah samaj me nahi aaya
अच्छा लगा
Now a ll of is vers happy thank you sir
अच्छी जानकारी है।
नमस्ते जी
not bad but not good , its okay
Thanks
Bijli ke bina jivan adhura hai!!
Mujhe to lgta hai ki agar Nikki nhi hogi to shayad kbhi bhi hm itni uchaiyo tk nhi pahuch pate