Introduction :
जब मनुष्य का शरीर बाहरी वातावरण के साथ अथवा खानपान के साथ सही तालमेल नहीं मिला पता है तब उसके शरीर में अचानक प्रतिक्रिया होने लगती है जिसे एलर्जी कहा जाता है वास्तव में एलर्जी कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर की एक अवस्था है जिसमें विशेष परिस्थिति से शरीर का सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाता है एलर्जी किसी को किसी भी चीज से हो सकती है वैसे ज्यादातर एलर्जी धूल, धुआं ,धूप, परगकड़, इत्र तथा अन्य खाद्य पदार्थों से भी हो सकता है।
Etiology :
धूप से पैदल आकर तुरंत स्नान कर लेना या A.c वाले कमरे में बैठ जाना। अचानक आंख, नाक , मुंह में धुआं घुस जाना। लंबे समय तक धूल कण में काम करना। किसी बाह्य परागकणों का नाक में प्रवेश कर जाना। किसी किसी को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से भी एलर्जी होती है।
Symptoms :
एलर्जी की पहली पहचान बार बार छींक आना, नाक से पतला स्राव होना ,आंखें लाल हो जाना इत्यादि है। सिर में तेज खुजली होना। त्वचा लाल हो जाना और उस पर जहां-तहां फफोले निकल जाना। सिर में चक्कर आना और कभी कभी बेहोश होकर गिर जाना।
Management :
वैसे एलर्जी का कोई इलाज नहीं होता उचित रखरखाव और परहेज ही इसके बचाव का अच्छा तरीका है जिस चीज से एलर्जी हो वह काम ना करें और वैसा खाना भी ना खाएं। वैसे अलर्जी से बचने के लिए खास उपाय इस प्रकार है।
तेज धूप से आकर अचानक कपड़ा नहीं खोलना चाहिए। स्नान नहीं करना चाहिए तथा A.C रूम में प्रवेश नहीं करना चाहिए। Mineral water पीने वाले व्यक्ति को जहां-तहां का पानी नहीं पीना चाहिए। धूप में निकलने से पहले आंखों पर काले चश्मा का इस्तेमाल करना चाहिए। छतरी का प्रयोग करना चाहिए और खूब पानी पीकर निकलना चाहिए। मौसम के विपरीत खाना नहीं खाना चाहिए । अपने शरीर को मौसम के अनुसार ढालना चाहिए।
Ex. सर्दी में गरम खाना और गर्मी में ठंडा खाना का सेवन करना चाहिए।
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