आयाम यानि डाइमेंशन, जिस तरह से हम भौतिकी में किसी भी चीज को मापते है, जैसे तापमान को केल्विन में लम्बाई को मीटर में समय को घंटे में और करंट को एम्पियर में उसी तरह से ब्रम्हांड में हो रही सारी घटनाओं को आयाम में मापते है |स्ट्रिंग थ्योरी के अनुसार ब्रम्हांड में वास्तविक रूप में १० आयाम हो सकतें है | और एम थ्योरी के अनुसार ब्रम्हांड में ऐसे ११ आयाम हो सकतें है | जबकि बोजोनिक थ्योरी के अनुसार ब्रम्हांड में २६ आयाम हो सकतें है|
शुरुआत होती है शून्य आयाम से – कल्पना कीजिये की प्रकृति का बनाया हुआ कोई ऐसा जीव है जो शून्य आयाम में मौजूद है | अब यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की शून्य मतलब कुछ भी नहीं अर्थात शून्य आयाम में स्थित इस जीव का कोई भी आकर नहीं होगा न ही उसका कोई शरीर होगा |
शून्य आयाम को समझने के लिए हम एक काल्पनिक बिंदु मान लेते है , ध्यान दीजिये की इस बिंदु का कोई भी आकर नहीं होता है | अब इस बिंदु में मौजूद वो जीव न आगे जा सकता है न ही पीछे, न ऊपर जा सकता है न ही नीचे और यहां तक की वो जीव अपनी जगह पर घूम भी नहीं सकता |
मैं आपको बता दूँ की आगे आने वाले सभी आयामों का आधार शून्य ही है |
पहला आयाम – कल्पना कीजिये के शून्य आयाम के दो बिंदु है, जो एक दुसरे से कुछ दूरी पर है , अब इन दोनों बिंदुओं को मिला देतें ही तो इस अवस्था में जीरो आयाम में उपस्थित वह जीव केवल आगे और पीछे ही जा सकता है |
दूसरा आयाम – पहले आयाम में उपस्थित वो जीव आगे पीछे चलने के बाद दाएं और बाएं भी चल सके जैसा की आपने कभी सांप वाला गेम खेला ही होगा, | यही है दूसरा आयाम|
तीसरी आयाम में उस जीव की जगह पर हम खुद को रखतें है | अब आप देख सकतें है की इस तीन आयाम वाली दुनिया में हम आगे पीछे और दाएं बाएं जाने के साथ -साथ ऊपर नीचे भी जा सकतें है | इसी को ही तीसरा आयाम कहतें ही |
चौथा आयाम – चौथा आयाम है समय, जिसमें हम अभी चल रहें है , मैं आपको अवगत करा दूँ की ये तीनों आयाम और समय आपस में जुड़े हुए है | हम समय में एक सरल रेखा की तरह आगे बढ़ते चले जा रहें है | हम भूतकाल से भविष्य काल की ओर चलते चले जा रहें है, यही है चौथी आयाम| बाकी आयाम परिकल्पनाएं हैं जो वैगनिकों द्वारा बनाई गयीं है, जिसमें इंसान का जाना संभव नहीं है |
Mera manana hai ke agar science aadhatyam kee kahi baton ko maddenazar science age history rachegan
सही कहा आपने .. जहा साइंस ख़तम होता है वहां अध्यात्म सुरु होता है
आपने लिखा है कि बाकी आयाम परी कल्पनाएं हैं वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई है जिसमें आदमी का जाना संभव नहीं है जब आदमी का जाना संभव नहीं है तो विज्ञान किसने बनाया है वैज्ञानिक कहां से आया कौन है वैज्ञानिक
चौथा आयाम ,उस zero आयाम से कैसे related hai?
Ho sakta hai char se jyada ayam ho par ham unko feel na kar pa rahe ho.char se jyada ayam ko kewal quantum physics me samajha ja sakta hai real life me nahi