यह एक प्रकार का जानवरों द्वारा होने वाला भयंकर बीमारी है जो Rhabdovirus के द्वारा होता है। यह वायरस पागल कुत्ता, बंदर ,गिलहरी, बिल्ली ,चमगादड़ तथा सियार इत्यादि के दांत एवं नाखूनों में पाए जाते हैं। ऐसे जानवर यदि किसी मनुष्य को काटते हैं तो यह वायरस लार के माध्यम से जख्म द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे hydrophobia/ Rabies नामक बीमारी होती है। यह बीमारी काफी कष्टदायक तथा जानलेवा होती है अत: अंधविश्वास में न आकर उसका उचित इलाज करवाना चाहिए। इस बीमारी का एकमात्र कारण पागल कुत्ते को काटना, बंदर, सियार ,चमगादड़ इत्यादि को काटना है यह जानवर जब काटते हैं तो शरीर में Rhabdovirus को छोड़ देते हैं जिससे व्यक्ति को काफी पीड़ा और ज्वर होता है
Symptoms of dog :
पागल कुत्ता हमेशा बेचैन रहता है वह बहुत तेज हफ्ता है बेवजह भोक्ता है और हमेशा लार टपकाते रहता है कुत्ते को पानी से बहुत डर लगता है पागल कुत्ते का गर्दन नीचे की तरफ झुक जाता है और पूछ सीधा हो जाता है कुत्ता काटने की 15 दिन बाद खुद मर जाता है।
Symptoms of human :
पागल कुत्ता काटने के बाद मनुष्य को तेज बुखार आ जाता है आवाज बदलने लगते हैं और गर्दन में असहनीय पीड़ा होती है तंत्रिका तंत्र बुरी तरह प्रभावित हो जाती है और मनुष्य को उठने बैठने में तकलीफ होने लगती है काटे गए स्थान पर जख्म बन जाता है जो जल्द सूखता नहीं है ।
Manegement :
यदि ऐसे जानवर काट दे तो conform होने के लिए उस जानवर को देखते रहना चाहिए कि कहीं वह 15 दिन के अंदर मर तो नहीं गया और यदि पहले से कुत्ते को पागल होने का शक हो तो तत्काल Rabies vaccine ( कुत्ते काटने की दवा) नियमित रूप से सभी dose समय पर लेनी चाहिए।
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