सभी जानते है कि अच्छी सेहत के निर्माण में फल कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन यह तब ही होगा जब फल ताजा हो। लेकिन अक्सर आपने देखा होगा कि सड़े हुए फलों के संपर्क में आने से उसके आसपास के अन्य फल भी सड़ जाते हैं। यह क्यों होता है ? जबकि अन्य फल तो ताजे थे और आप कुछ समय पहले ही उन्हें बाजार से लेकर आये थे। लेकिन क्या आप जानते है, कि आपके ताजे फल सड़े फलों के संपर्क में आने से क्यों खराब हो गए।
इसके पीछे का मुख्य कारण है सड़े फलों से निकलने वाली एथिलीन गैस। बता दे कि सभी फलों में एथिलीन गैस होती है, किन्तु सड़े हुए फलों में एथिलीन गैस की मात्रा पके हुए फलों की तुलना में अधिक होती हैं। जब हम सड़े हुए फल को अन्य फलों के आसपास रखते है, तो ये फल सड़े फल से निकलने वाली एथलीन गैस के संपर्क में आ जाते है। जिसके चलते अन्य फल भी सड़ जाते हैं।
ये तो हुआ सड़े फलों के कारण अन्य फलों का सड़ना, किन्तु क्या आप जानते है, कि कुछ ऐसी परिस्थियां भी होती है, जब पके फल भी सड़े हुए फलों में परिवर्तित हो जाते हैं। उदहारण के लिए यदि हम केले को फ्रिज में रखते है, तो यह फ्रिज में रखने के कुछ समय बाद ही काला पड़ जाता है, जबकि फ्रिज में रखे गए सभी फल पूरी तरह से ताजे हैं। दरअसल फ्रिज में केले के खराब होने का कारण है, उसका डंठल। शायद आप यह न जानते हो कि केले के डंठल से भी एथिलीन गैस निकलती हैं।
यह गैस केले के साथ-साथ आसपास के फलों को भी जल्दी से पका देती हैं. फलस्वरूप केला तो खराब होता ही है, साथ ही अन्य फल भी खराब हो जाते हैं। ऐसें में अगर आप फ्रिज में मौजूद केले को सड़ने से बचाना चाहते है, तो आप उसके डंठल पर प्लास्टिक को चढ़ा दे, जिससे न केवल केला खराब होने से बचा रहेगा साथ ही साथ अन्य फल भी लम्बे समय तक ताजा बने रहेंगे।
दोस्तों फल अगर ताजे हो तो यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है, किन्तु आजकल फलों को समय से पहले पकाया जा रहा हैं। इसके लिए अत्यधिक मात्रा में एथिलीन गैस का उपयोग किया जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप फल समय से पहले पक जाते है, और उतनी ही तेजी से सड़ भी जाते हैं। हर मौसम में फलों की उपलब्धता के लिए एथिलीन गैस का उपयोग फलों के प्राकृतिक पोषक तत्वों को ख़त्म कर देता हैं।
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