अक्सर खेलते समय बच्चों को चोट लग जाती हैं, जिसमे कभी-कभी खून भी निकलने लगता हैं। जिसके बाद हम घबरा जाते है कि कही खून ज्यादा न बह जाए, और खून के ज्यादा बह जाने से कही बच्चे को कमज़ोरी ना आ जाए। लेकिन हम देखते है कि चोट की जगह से निकलने वाला खून कभी-कभी बिना कोई दवाई लगाए अपने आप बंद हो जाता हैं। पर ऐसा क्यों होता है? क्या खून सच में अपने आप थोड़े समय बाद बंद हो जाता हैं? क्या यह हर बार होता हैं और क्या खून के अपने आप बंद होने का इंतजार करना चाहिए है? या किसी तरह की दवा का प्रयोग करना चाहिए।
आइए आपको हम बताते है कि आखिर चोट लगने के कुछ देर बाद खून बहना बंद क्यों हो जाता है? दरअसल हमारे शरीर के भीतर कई सारी कोशिकाएं होती हैं। ये सभी कोशिकाएं हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह का कार्य करती हैं। लेकिन जब हमें चोट लगती है, तो ये कोशिकाएं खून का थक्का बना देती है जिससे खून कुछ समय बाद ही रुक जाता हैं। अगर इसी बात को एक अन्य उदाहरण के साथ समझा जाए तो जब हमें चोट लगती है तो शरीर में उपस्थित कोशिकाएं हार्मोंन्स की सहायता से कार्य करती है। लेकिन जब चोट लगती है तो यह हॉरमोन निकलने लगता है तथा कोशिकाएं चोट के स्थान पर जाकर तन्तुनुमा थक्के का निर्माण करती हैं। यही तन्तुनुमा थक्का खून के बहने को रोक देता हैं।
लेकिन शरीर की यह प्रक्रिया हर किसी के साथ में एक जैसी नहीं होती। आपने देखा होगा यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह है और उसे चोट लगने पर खून निकलता है तो उसका खून आसानी से बंद नहीं होता। इसके पीछे भी एक विशेष कारण है। दरअसल यदि कोई मनुष्य मधुमेह या खून का थक्का न जमने जैसी किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है तो खून निकलने के बाद कोशिकाएं खून का थक्का बनाने में असमर्थ होती है। जिसके चलते खून का निकलना अपने आप बंद नहीं होता हैं।
अगर आपको कभी चोट लगे और खून निकलने लगे तो आप इस बात का इंतज़ार मत कीजियेगा की खून अपने आप बंद हो जाएगा। कही ऐसा ना हो कि आपके शरीर की कोशिकाएं किसी बीमारी के चलते खून के थक्के का निर्माण न करें और आपको इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़े। ऐसे में अगर किसी को चोट लग जाए तो उसे तुरंत फ़र्स्ट एड देकर उसके खून को रोकने का प्रयास करें और अगर फिर भी खून न रुके तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाए।
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