आप सब ने कभी न कभी क्रिकेट तो खेला होगा, अगर नहीं खेला तो देखा तो होगा ही। जहां हर टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम फील्डिंग तो एक बैटिंग करती हैं। लेकिन आज हम आपको क्रिकेट का ज्ञान नहीं बल्कि क्रिकेट से जुड़ी एक ख़ास चीज के बारे में बताने जा रहे हैं। क्रिकेट की यह ख़ास चीज कुछ और नहीं बल्कि खेल में उपयोग की जाने वाली गेंद हैं। यह गेंद खेल के समय गेंदबाज़ द्वारा फेंकी जाती हैं। लेकिन इस गेंद से जुड़ा एक सवाल शायद सभी के मन में होगा, कि आखिर गेंद नीचे गिरकर उछलती क्यों है? गेंद चाहे तो सीधी जा सकती हैं, लेकिन इसके नीचे गिरकर उछलने का कारण क्या हैं। तो चलिए जानते हैं गेंद के उछलने की वजह।
दरअसल हमारे आस पास घटित होने वाली हर घटना के पीछे कुछ ना कुछ वैज्ञानिक कारण होता हैं। चाहे वो पेड़ से फल का गिरना, दूध का उबलना या फिर हल्की वस्तुओं का पानी में तैरना। उसी तरह गेंद का ज़मीन पर गिरकर उछलने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण हैं। इस घटना में न्यू-टन की गति का तीसरा नियम लागू होता हैं। जिसके अनुसार हर क्रिया के समान या फिर उसके विपरीत एक प्रतिक्रिया होती है। अगर इसे सीधे शब्दों में समझा जाए तो, जब किसी पदार्थ द्वारा किसी अन्य पदार्थ पर बल लगाया जाता है, तो अन्य पदार्थ द्वारा भी सामान या विपरीत दिशा में बल लगाया जायेगा।
उसी तरह जब गेंदबाज़ द्वार गेंद को ज़मीन पर फेंकने पर गेंद नीचे गिरती है, तो वह आकार में थोड़ी परिवर्तित हो जाती है, और अपनी असल स्थिति को प्राप्त करने के लिए वह उस दिशा में आगे बढती हैं। जिसके लिए वह ज़मीन में धंसने का प्रयास करती हैं। और जैसा की न्यू-टन का तीसरा नियम है कि अगर कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर दबाव बनाने का प्रयास करती है तो सामान या विपरीत प्रतिक्रिया होती है। उसी तरह जब गेंद ज़मीन से टकराती है तो ज़मीन के द्वारा विपरीत दिशा में गेंद पर दबाव बनाया जाता है। जिससे गेंद ऊपर की ओर उछलती हैं। गेंद का नीचे गिरकर उछलना ठीक उसी प्रकार होता है जिस प्रकार रॉकेट के आसमान में छोड़े जाने पर वह पीछे ज़मीन पर बल लगाकर क्रिया करता है, जिसके बाद ज़मीन भी विपरीत दिशा में रॉकेट को ऊपर की ओर धकेलकर प्रतिक्रिया करती हैं। तो आपने देखा न कैसे हमारे जीवन की हर एक घटना में विज्ञान अपनी भूमिका निभाता हैं।
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