कास्टिक सोडा या सोडियम हाईड्राऑक्साइड सबसे शक्तिशाली क्षार माना जाता है जिसे दाहक सोडा के नाम से भी जाना जाता है| इसका रासायनिक नाम NaOH रखा गया है|
कास्टिक सोडा का प्रयोग साबुन एवं सर्फ बनाने, पीने के पानी की सफाई हेतु, नालियों की सफाई के लिए, एवं कागज आदि बनाने के लिए किया जाता है| यह सफ़ेद रंग के पाउडर के रूप में मौजूद होता है एवं बहुत ज्यादा ज्वलनशील होता है इसलिए इसका सीधे पाउडर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता|
यह आसानी से जल में, मिथेनाल में मिश्रित हो जाता है एवं हवा के सम्पर्क में आने से बहने लगता है| पपड़ी वाले कास्टिक सोडा का प्रयोग विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है किन्तु इसमें भी पहले जल मिक्स किया जाता है तत्पश्चात इसे ठंडा किया जाता है फिर उपयोग में लाया जाता है|
कास्टिक सोडा का उपयोग करते समय सावधानी रखना बेहद जरूरी है क्योकि त्वचा के सम्पर्क में आने पर यह त्वचा एवं आँखों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है या सीधे शब्दों में कहे कि उन्हें जला सकता है|
कास्टिक सोडा को एयर टाइट कंटेनर में बंद करके रखा जाता है एवं कोई भी उत्पाद बनाने के लिए इसका थोडा सा भाग इस्तेमाल किया जाता है| इसका घोल बनाते समय भी मिटटी या प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है क्योकि धातु के साथ यह प्रतिक्रिया कर सकता है|
संन 2008 तक कास्टिक सोडा की मांग बढ़ गई थी जिसके चलते इसका कुल उत्पादन विश्व स्केल पर 60 मिलियन टन के आसपास आँका गया जबकि इसकी मांग इससे कही अधिक थी| उम्मीद है अब आप जान गये होंगे कास्टिक सोडा क्या है एवं इसका क्या प्रयोग है| यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपनी राय हमसे शेयर करे एवं कमेंट करना न भूले|
Thank you sir Achcha Laga