बर्फ हम गर्मी के वक़्त उपयोग करते हैं और बारिश के वक़्त हम सब लोग स्नो फॉल का मजा लेते है। जो की बर्फ की अलग अवस्था है। पर किसी ने बर्फ के बारे मे नही सोचा की बर्फ कैसे बनती है या बर्फ के क्रिस्टल जिसे हिंदी में अणु कहते है कभी एक समान हो सकते है।
पहले तो बर्फ का बारे मे जान लेते है।
बर्फ
बर्फ को ज़माने के लिए हमें बहुत ही कम तापमान की जरुरत होती है. इसलिए बर्फ को हम फ्रिज में जमाते है क्युकी उसका तापमान कम होता है. और इसे तरल से ठोस पदार्थ में लाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस का इस्तेमाल करते है. फ्रिज में हम क्लोरोफ्लोरोकार्बन(chloroflorocarbon) गैस का इस्तेमाल करते है जिससे की तरल को ठोस में बदलने में काम आता है.
बर्फ के क्रिस्टल
बर्फ के क्रिस्टल (अणु) कभी एक समान हो सकते है. जी हाँ बर्फ के क्रिस्टल एक समान हो सकते है पर यदि हम बनाये तो। जब बर्फ का निर्माण प्राकृतिक रूप में होता है जैसेे की स्नो फॉल तब उसके क्रिस्टल एक समान होना बड़ा ही मुश्किल है. पर यदि हम बर्फ का निर्माण करते है जैसे की फ़्रिज़ मे तब हम बर्फ के क्रिस्टल यानि की बर्फ की ठोस अवस्था को अपने अनुसार बदल सकते है उस वक़्त बर्फ के क्रिस्टल एक समान हो सकते है पर उसके अंदर जो बदलाव होगा उसे हम परिवर्तित नही सकते है।
कारण
जब भी हम किसी तरल पदार्थ को ठोस में बदलते है तो उसका आकार बदल जाता है। इसी के साथ उसके वजन में भी बदलाव आता है। पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ मिल कर बना होता है। और इस मे हाइड्रोजन बॉन्डिंग के कारण अन्य पदार्थ एक दूसरे से अलग हो जाते है। ऐसा की आप को पता है पानी मे दो हाइड्रोजन जो कि पोस्टिवली चार्ज होता है तथा ऑक्सीजन जो कि नेगतिवेली चार्ज होता है। जब पानी को बर्फ के रूप में तबदील किया जाता है तब बर्फ के क्रिस्टल एक समान हो सकते है। किंतु उन के आकार में परिवर्तन हो सकता है।
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