आज के इस तकनिकी दौर में जीपीएस का नाम तो आप सबने सूना ही होगा, यह विकल्प आजकल हर तरह के मोबाइल फोन में भी देखने को मिल जाते हैं। यह एप्लीकेशन आपसे पहले आपकी लोकेशन जांचने की इजाजत मांगता है, जब आप जीपीएस ऑन कर देते हैं तो यह एप्लीकेशन काम करना शुरू कर देती है। मगर क्या आपने कभी सोचा है जीपीएस क्या है ? आइये हम आपको बताते हैं, यह क्या है और किस तरह काम करता है।
जीपीएस का फुल फॉर्म “Global positioning system” होता है, इसका उपयोग कहीं की भी लोकेशन का पता करने के लिए किया जाता है। इस उपकरण का आविष्कार सबसे पहले 1960 में अमेरिका की डिफेंस डिपार्टमेंट ने अमेरिकी सेना के लिए किया था। उस वक्त तक इस उपकरण का उपयोग अमेरिकी सेना ही कर सकती थी। मगर इसके बाद 1995 में यह उपकरण सभी के लिए बना दिया गया। इसी का परिणाम है कि यह आजकल हमारे मोबाईल में भी देखने को मिल जाता है। इस उपकरण का सबसे ज़्यादा उपयोग रास्ता ढूंढने के लिए किया जाता है।
इस उपकरण का उपयोग आज के दौर में काफी ज़्यादा किया जाता है। यह आपको मोबाईल के अलावा हवाई जहांज, रेल यहाँ तक की गाडियों में भी आसानी से देखने को मिल जाता है। इसकी सहायता से हम कहीं भी बड़ी आसानी से पहुँच सकते हैं।
जीपीएस सेटेलाईट से जुड़ कर काम करता है, इसके लिए अमेरिका ने करीब 50 से ज़्यादा सेटेलाईट अन्तरिक्ष में भेजे हैं। यह सेटेलाईट हर समय पर प्रथ्वी पर सिग्नल भेजने का काम करते हैं। इन सिग्नल को रिसीव करने की जरुरत पड़ती है अगर आपकी कार या मोबाईल में वो रिसीवर है तो आप अपनी लोकेशन जांच सकते हो। ये सिर्फ लोकेशन ही नहीं आपकी दुरी, गति तथा दूसरी जगह से आपकी जगह तक की दुरी सब कुछ बता देती है।
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