क्या आपने सोचा है की हमारी धरती जो ऊपर से इतनी खूबसूरत और चकाचौंध कर देने वाले दृश्यों से भरी हुई है, क्या यह अंदर से भी इसी तरह है ?
यूँ तो इस विशालकाय धरती के आकार और इसकी बदलती हुई आन्तरिक संयोजन के इस प्रवृत्ति के कारण इसकी आन्तरिक संरचना का पता लगाना संभव नही है | मनुष्यों के लिए पृथ्वी के केंद्र तक पहुंचना असम्भव है | सिर्फ पृथ्वी की त्रिज्या ही छः हजार तीन सौ सत्तर किलोमीटर है | लेकिन खनन और ड्रिलिंग परिचालनों के माध्यम से हम पृथ्वी के इंटीरियर को केवल कुछ किलोमीटर की गहराई तक उसकी सरंचना देख सकतें है |
क्यूंकि पृथ्वी की सतह के नीचे तापमान में तेजी से बढने लगता है जो की मुख्य रूप से पृथ्वी के आन्तरिक अवलोकन के लिए एक सीमा निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
लेकिन फिर भी, कुछ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्रोतों के माध्यम से, वैज्ञानिकों के पास एक ठोस विचार है कि पृथ्वी की आंतरिक संरचना कैसी दिखती है।
पृथ्वी के इंटीरियर का ढांचा मूल रूप से तीन परतों में बांटा गया है – क्रस्ट, मैटल और कोर। क्रस्ट पृथ्वी का सबसे बाहरी हिस्सा है, क्रस्ट से परे इंटीरियर का हिस्सा मैटल के रूप में जाना जाता है। कोर पृथ्वी के केंद्र के चारों ओर सबसे निचली परत है।
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