चीते की चाल और बाज की नजर में संदेह नहीं करते,ये कहावत तो आपने भी सुनी होगी | तो आज मै बात कर रहीं हूँ उसी पक्षी की जिसकी नजर में संदेह नहीं करना चाहिए| और मै करती भी नहीं, क्यूंकी बाज एक ऐसा पक्षी है जिसकी नजर पूरे दुनिया के सभी प्राणियों से सबसे तेज होती है | और यह नजर ही नहीं बल्कि अपनी ऊँची उड़ान के लिए भी जाना जाता है|
ये आकाश में मस्त मगन अत्यंत उचाई पर उड़ता है | दूसरे पक्षियों से कई गुना ज्यादा ऊंचाई पर , इसकी नजर बहुत तेज होती है| ये अपने शिकार को ५ किलोमीटर की दूरी पर भी देख लेता है | यह अपनी नजर से रुकावटों की परवाह न करते हुए एक ही झटके में अपने शिकार को पंजे में ले उड़ता है | ये बहुत ही स्वाभिमानी किस्म का पक्षी है, यह किसी दूसरे जानवर के द्वारा किये शिकार को नहीं खाता , बल्कि यह अपने भोजन के लिए खुद शिकार करता है |
जैसे कुछ जानवर मरे हुए जीवों बचे अवशेषों पर जीते है न की बाज| बाज जब अपनी उड़ान भरतें है तो यह बादलों से भी ऊपर चले जातें है | मादा बाज १ से लेकर तीन अंडे देती है और लगभग ३४-३५ दिनों तक अण्डों पर बैठती है , जिसके बाद अण्डों में से बच्चे बाहर निकल आतें है | बाज लगभग ७० ब्वर्शों तक जीवित रहता है | यह गरुण पक्षी से कुछ छोटा होता है | इसकी कई प्रजातियां पायी जाती हैं | जिन्हे अलग अलग नामों से जाना जाता है | बाज के पंख पतले तथा मुड़े होतें है जो इसे तेज उड़ने तथा दिशा बदलने में मदद करतें है | दुनिया भर में बाज की ४० से अधिक प्रजातियां पायी जातीं है | ये अपने घोंसले ज्यादातर ऊँचे स्थान या पेड़ों पर बनातें है
इनका पसंदीदा भोजन चूहे या मछलियां होतीं है | बाज आसमान में २००-२१० प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है | यह आकाश में १२००० की ऊँचाई तक उड़न भर सकता है | ज्यादातर आदिवासी लोग छोटे -छोटे पक्षियों के शिकार के लिए बाज का सहारा लेते है, वह बाज के पैर को रस्सी से बांध कर रखतें है | छोटे पक्षी को देखकर ही वह बाज को आसमान में छोड़ देते और और बाज उसे पल भर में नीचे गिरा देतें है | और फिर आदिवासी घायल पक्षी को पकड़ लेते है | इसके लिए बाज को अच्छी -खासी ट्रेंनिंग देनी पड़ती है |
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