हर घर में एक फ्रिज की जगह लगभग लाजमी हो चुकी है |घर में खाने-पीने का सामन एक नियंत्रित तापमान पर रखने वाला ये रेफ्रिजरेटर बड़े ही आसान वैज्ञानिक सिद्धांत पर काम करता है |
पर क्या आपको पता है की यह कैसे काम करता है ? इस ब्लॉग में हम इस बारे में बात करेंगे|
रेफ्रिजरेटर का एक सामान्य नियम यह है की किसी ठन्डे तरल पदार्थ को लगातार किसी वस्तु जिसे हम ठंडा करना चाहते है के चारों ओर घुमाना | तो चलिए अब ये बताते है की ऐसा कैसे होता है ?
रेफ्रिजरेटर के पीछे एक थ्रॉटलिंग डिवाइस का खास पुर्जा लगा होता है अब इसे केपिलरी ट्यूब के रूप में उपयोग किया जाता है| ठन्डे तरल पदार्थ को निर्मित करने के लिए ये थ्रोट लिंक फिनोमिना इस्तेमाल किया जाता है |
ट्यूब के इनलेट में रेफ्रिजेरेंट जो की एक गैस का मिश्रण होता है कुछ ज्यादा दबाव पर द्रव के रूप में प्रवाहित किया जाता है |और जब ये द्रव ट्यूब में से गुजरता है तो द्रव के दबाव में गिरावट आने लगती है |जिसके चलते द्रव का बोइलिंग पॉइंट कम हो जता है |
आसान शब्दों में कहें तो रेफ्रिजेरेंट द्रव को थ्रॉटलिंग डिवाइस से गुजरा जाता है और कम दबाव की वजह से रेफ्रिजेरेंट का तापमान कम हो जाता है और वह ठंडा हो जाता है।
अब दूसरे फेज में रेफ्रिजरेटर के ऊपर वाले हिस्से में रेफ्रिजेरेंट पास किया जाता है ताकि यह रेफ्रिजरेटर की इनर बॉडी में रखी सामग्रियों को ठंडा कर सके |
ऐसा होने पर रेफ्रिजरेंट द्रव भाप बनाने लगता है और इस वेपोरशन यानि वाष्पीकरण में फ्रिज की ऊर्जा यानि गर्मी का इस्तेमाल होता है|
जब रेफ्रिजेरेंट पुरे रेफ्रिजरेटर का चक्कर लगा चूका होता है तब उसे वापस compress करने की जरूरत होती है क्यों की तब तक वह भाफ में बदल चूका होता है फ्रिज की गर्मी पा कर और इसका दबाव भी बढ़ चूका होता है , तो यहाँ एक नए मशीन जिसे compressor बोलते है सामने आता है जिसका काम है दबाव कम करना।
Compressor में जाने के बाद दबाव तो कम हो चूका होता है लेकिन रेफ्रिजेरेंट अभी भी भाफ में है तो इसे दुबारा द्रव रूप में लाने के लिए एक नए चीज़ की जरूरत पड़ती है जिसे हम हीट एक्सचेंजर बोलते हैं। हीट एक्सचेंजर और compressor दोनों ही फ्रिज के बाहर लगे होते है। अक्सर पीछे।
हीट एक्सचेंजर से रेफ्रिजेरेंट गुजरने के बाद पुनः कम दबाव वाले द्रव में बदल जाता है जिसे फिर से ठंडा करने के लिए पुनः थ्रॉटलिंग डिवाइस से गुजारा जाता है और यह प्रक्रिया बार बार दुहराई जाती है |इस प्रकार फ्रिज काम करता है |
रेफ्रिजेरेंट freon gas से बना होता है जिसका खासियत यह है की वह सामान्य तापमान में गैस होता है और दबाव कम करने पर द्रव में बदल जाता है लेकिन आज कल HFC-134a (1,1,1,2-Tetrafluoroethane) गैस फरों की जगह फ्रिज में इस्तेमाल किया जाता है।
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