वायुमंडल में पहले से ही विशेष प्रकार की ध्वनि मौजूद है जिसके द्वारा हम किसी बातों को अच्छी तरह से सुन पाते हैं लेकिन उस ध्वनि में विभिन्न प्रकार के अनावश्यक आवाज मिलकर उसे दूषित कर देते हैं जिससे वायुमंडल में विशेष कंपन उत्पन्न होती है इसी कंपन को जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है sound pollution या ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है ध्वनि प्रदूषण का अर्थ होता है वायुमंडल में अनावश्यक आवाज मिल जाना।
ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण यातायात के दौरान होने वाला शोर शराबा है जनसंख्या बढ़ने के कारण यातायात के साधनों का विकास अधिक हो रहा है जिसके कारण यातायात के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ने लगता है
अत्यधिक सोर से सुनने की शक्ति भी चला जाता है।
कारण : –
लंबे समय तक तेज आवाज में loudspeaker बजाना। अधिकतर उद्योग शहरी क्षेत्रों में स्थापित है इसलिए ध्वनि प्रदूषण की तीव्रता शहरों में अधिक है । कल कारखानों में चलने वाली मशीनों से उत्पन्न गड़गड़ाहट , हड- हड, तड़- तड़ की आवाज, तात विद्युत गृहों मे लगे बॉयलर , टरबाइन काफी शोर उत्पन्न करते हैं। विभिन्न प्रकार के यातायात के साधनों से निकलने वाले पे- पे , रे- रे की आवाजें। तेज आवाज करने वाले बम पटाखा छोड़ना। बार-बार असफल मिसाइल प्रेक्षण से भी ध्वनि प्रदूषण होता है।
निवारण :-
आतिशबाजी पर पूर्णत: रोक लगा देनी चाहिए । यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए ताकी हॉर्न कम बजे।
अधिक धुआं देने वाली तथा आवाज करने वाले खटारा गाड़ी इंजन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बार-बार असफल मिसाइल परीक्षण नहीं करना चाहिए।
उत्पन्न रोग:-
ध्वनि प्रदूषण से मानव स्वास्थ पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह अनावश्यक sounds शरीर और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को हानि पहुंचाती है ध्वनि प्रदूषण चिढ़चिढ़ापन , बहरापन , तनाव, याददाश्त की कमजोरी, नींद में गड़बड़ी, सुनने की क्षमता में कमी एवं धड़कन की बीमारी पैदा करती है ज्यादा शोर- शराबे से हृदय संबंधी रोग उत्पन्न हो सकता है।
शोर शराबे के कारण पशु- पक्षियों को अपना निवास छोड़ना पढ़ रहा है जिससे कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर आ गए हैं।
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