आज कल तो हर तरफ Video-streaming services का ही बोलबाला है। लोग Internet के जरिए Entertainment का पूरा आनंद लेते हैं। लेकिन एक समय था जब CD, DVD में ही offline entertainment उपाए था।
हालांकि अभी भी कहीं DVD और CD का उपयोग होता है। वैसे तो यह बिलकुल ही दुनिया से गायब नहीं हुआ है लेकिन इसके popularity में कमी जरूर देखने को मिली है। लेकिन अभी भी हम सभी के घरो में DVDs के बहुत सी collections देखने को मिल सकती है।
DVD का full form
DVD का full form होता है “Digital Video Disc” या “Digital Versatile Disc। डीवीडी एक optical disk तकनीक है, जिसका उपयोग बहुत बड़े amount के data को store करने के लिए किया जाता है। DVD को साल 1995 में panasonic, philips, और toshiba ने मिलकर विकसित किया था।
जहाँ CD में कम storage होता है वहीँ इसके तुलना में DVDs में 3 से 4 गुना Storage होता है। आजकल के Laptops और Computer में ये DVD drive पहले से आती है, जिसका उपयोग करके हम कोई भी DVD या CD को play कर सकते हैं। वहीँ DVDs एक external device के हिसाब से ही आता है जिन्हें हम अपने Television के साथ connect कर सकते हैं।
DVD एक प्रकार का optical media होता है। जिसका उपयोग digital data को store करने के लिए किया जाता है। कुछ DVDs का इस्तेमाल audio और video को स्टोर करने के लिए किया जाता है। जबकि कुछ DVDs का उपयोग software तथा computer files को स्टोर करके रखने के लिए किया जाता है।
DVDs की size पूरी तरह से समान होती है CDs के size के तरह और अगर disc में कोई label नहीं होता तो इन दोनो में अंतर बता पाना बहुत मुश्किल हो सकता है। DVD में CD की तुलना में अधिक मात्रा में data को store करके रख सकते हैं। साथ ही इसमें MPEG-2 compression का प्रयोग किया जाता है।
वह Laptops जिसमें Windows चलता है, वो आसानी से DVDs को play कर सकते हैं। वहीँ software और permissions एक operating system के versions से दुसरे में उसे चलाने के लिए vary करते हैं।
उदाहरण के लिए Windows 7 में built-in DVD compatibility होती है, उसे चलाने के लिए दूसरे windows version में additional software का उपयोग करना पड़ता है और कहीं कहीं तो उसे upgrade करने के लिए pay भी करना पड़ता है
DVD क्या है? और इसके प्रकार
CDs और DVDs को play करने के लिए optical disc drives का उपयोग किया जाता है जो की computer के साथ in-built ही आते हैं। मुख्य रूप से drives के दो प्रकार होते हैं
- Readers – ये सिर्फ discs से data को read करते हैं ।
- Writers – इन्हें recorders या burners भी कहा जाता है – ये data को discs में copy करने में मदद करते हैं।
DVD की क्षमता
DVD की क्षमता (storage capacity) 4.7 GB से लेकर 17.08 GB तक की रहती है। इसकी single-sided, single layer की क्षमता 4.7 GB रहती है और single-sided, double layer की क्षमता 8.5 GB रहती है, double-sided, single layer में 9.4 GB और double-sided, double layer में इसकी क्षमता 17.08 GB तक रहती है।
डीवीडी का वजन 16 g तक का होता है। इसका अधिकतर उपयोग movies को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें हम 2 घंटे की high quality मूवी को store कर सकते है। एक DVD में बहुत सारी layers होती है जो कि plastic की बनी होती है और हर एक thickness 1.2 mm (मिलीमीटर) में होती है।
अधिकतर drives सिर्फ reader-only ही होते हैं, लेकिन writers भी readers के साथ combination में available होते हैं। इसलिए अगर आपको कोई CD या DVD खरीदना है तो इसके बारे में जानकारी रखना बहुत जरुरी होता है।
हम आशा करते हैं कि आप लोगो को डीवीडी के बारे में समझ आ गया होगा। अगर इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल या doubts हैं तो इसके लिए आप हमें comments कर सकते हैं। अगर आपको यह post डीवीडी अच्छा लगा तो इसे लाइक करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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