मिश्रण के बारे में पूर्व में चर्चा की जा चुकी है। अब मिश्रण के प्रकार के बारे में भी व्याख्या की जानी चाहिए। मिश्रण दो प्रकार के होते हैं- # समांगी या समांग मिश्रण # असमांगी या असमांग या विषमांग ...

परिवर्तन हमारे जीवन का हिस्सा है। प्रत्येक क्षण किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं कोई परिवर्तन होता ही रहता है। हमारे आसपास पाये जाने वाले द्रव्यों में भी यह परिवर्तन होते हैं। द्रव्य में विभिन्न प्रकार के तत्वों, ...

पदार्थ ही द्रव्य है। सृष्टि में पाई जाने वाली कोई भी वस्तु या पदार्थ जिसमें स्थान घेरने की क्षमता हो तथा जिसका कोई भार हो, द्रव्य कहलाती है। मनुष्य अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा द्रव्य की उपस्थिति को महसूस कर सकता है। ...

द्रव्य की क्रमानुसार पाँच अवस्थाएँ- ठोस, द्रव, गैस व प्लाज़्मा है। इन अवस्थाओं में परिवर्तन होना स्वाभाविक है। कुछ रासायनिक परिवर्तन होते हैं और कुछ भौतिक। जब किसी द्रव्य के रासायनिक गुणों व स्तरों में बदलाव आता है तो इसे ...

ठोस– इसकी निश्चित आकृति होती है। यह घनत्व व आयतन की भी निश्चितता लिए हुए होता है। यह एक पूर्ण द्रव्य (पदार्थ) है, क्योंकि इसमें सभी गुणधर्म होते हैं। ठोस पदार्थ बहुत सारे अणुओं से मिलकर बनते हैं। अणु एक-दूसरे ...

रासायनिक तौर पर द्रव्यों को तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो हैं- तत्व, यौगिक, मिश्रण। तत्त्व तत्व वे पदार्थ या द्रव्य होते हैं, जिनमे पाये जाने वाले अणुओं में परमाणुओं की प्रकृति एक समान होती है। फ़्रांस ...

आयतन की निश्चितता- सभी पदार्थ कोई न कोई जगह अवश्य ही लेते है। उस जगह का माप ही आयतन कहलाता है। यह समझना सरल ही है कि कोई भी द्रव एक निश्चित स्थान घेरता ही है। इसीलिए इसमें निश्चित आयतन ...