यह एक प्रकार का अनुवांशिक रोग है जो अप्रभावी लक्षण को धारण किए रहता है यह बीमारी X क्रोमोसोम को अधिक प्रभावित करता है इसलिए यह महिलाओं में उत्पन्न होता है और ऐसी महिलाओं से उत्पन्न होने वाले बच्चों में इस तरह की बीमारियां देखी जाती है। यह बीमारी तब उत्पन्न होती है जब हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होती है इस बीमारी में blood थक्का नहीं जम पाता है जिसके कारण शरीर का कोई हिस्सा कटता फटता है तो वहां से रक्त श्रवण की क्रिया होती रहती है कभी-कभी लापरवाही या असावधानी बरतने पर व्यक्ति की मौत भी हो जाती है क्योंकि इस रोग में न तो blood थक्का जमता है और ना ही निकलना बंद होता है।
इस बीमारी के बारे में सबसे पहले जॉन ऑटो ने 1803 ईस्वी में बताया है। हिमोफीलिया दो तरह का होता है हिमोफीलिया ‘ए’ मैं घटक 8 की कमी होती है और हीमोफीलिया ‘बी’ में घटक 9 की कमी होती है दोनों ही खून में थक्का बनाने के लिए जरूरी है। ज्यादातर मामलों में घटक 8 की कमी पाई जाती है ऐसे में पहले पता लगाया जाता है कि शरीर में किस घटक की कमी है अब बाजार में इस तरह के घटक उपलब्ध है। इसका इलाज आसान हो गया है समय पर इसका पता लग जाने पर इंजेक्शन देकर इलाज हो सकता है।
इस बीमारी का कारण रक्त में एक प्रोटीन की कमी होती है जिसे क्लोटिंग फैक्टर कहा जाता है इस फैक्टर की वजह से ही जब खून बहता है तो थोड़ी देर में वह उसका थक्का जमा कर बहने से रोक देता है इसके अलावा रक्त में थ्रांबोप्लास्टिन की कमी से भी खून लगातार बहता रहता है कई बार हिमोफीलिया में सिर के अंदर भी रक्त स्राव होता है। जिसमें बहुत तेज सिर दर्द, गर्दन में अकड़न तथा उल्टी होती है इसके अलावे धुंधला दिखना, बेहोश होना और लकवा होने जैसी लक्षण भी होते हैं।
हीमोफीलिया से बचाव के लिए ब्लड इंफेक्शन के कारण होने वाली बीमारियों और उनके टीकाकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करें, साथ ही उनकी जांच भी करवाएं। हेपेटाइटिस ‘ए ‘और ‘बी’ की वैक्सीन के बारे में डॉक्टर से सलाह लें। एस्प्रिन और इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के ना करें। अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चीजों का सेवन करें।
रोजाना एक्सरसाइज और योग करें।
Haldane ने 1922 ईस्वी में बताया कि इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया के पूरे परिवार में यह बीमारी मौजूद है।
यह बीमारी विटामिन K की कमी से होती है।
17 अप्रैल को विश्व हिमोफीलिया डे है जो इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
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