डबल रोटी वैसे तो हर घर में सुबह की चाय के साथ या फिर नाश्ते के रूप में उपयोग की जाती हैं। यह इतनी नरम और स्पंजी होती है कि इसे खाने में एक अलग ही तरह का स्वाद आता हैं। मिस्त्र से शुरू हुई डबल रोटी एक ऐसा खाद्य पदार्थ बन गई है जिसे संसार के हर कोने में हर तरह के लोग अपने भोजन में उपयोग करते हैं। लेकिन इसे खाने के साथ इससे जुड़ा एक सवाल ज़रूर सबके मन में उठता होगा। यह सवाल है कि आखिर डबल रोटी में छेद क्यों होते हैं?
सबसे पहले तो यह जानना ज़रुरी है कि डबल रोटी बनाई कैसे जाती है? दरअसल हर देश में अलग तरह के पदार्थों से डबल रोटी का निर्माण किया जाता हैं। कहीं डबल रोटी आलू के आटे से बनती है, तो कहीं चावल के आटे से। कहीं मटर के आटे से तो, कहीं जों के आटे से। लेकिन ज्यादातर जगहों पर डबल रोटी का निर्माण मैदे या गेहूं के आटे से किया जाता हैं। यही गेहूं के आटे और मैदे की डबल रोटी अधिक प्रचलित भी हैं।
आइए अब जानते है कि डबल रोटी में छेद क्यों होते हैं? दरअसल जब डबल रोटी को बनाने के लिए मैदा पानी के साथ गूंधा जाता है, तो इसमें थोड़ी सी मात्रा में खमीर को भी मिलाया जाता हैं। यह खमीर गूंधे हुए मैदे की नमी और गर्मी के चलते फैलने लगता हैं। यह इतनी तेजी के साथ बढ़ता है, कि इस प्रक्रिया में बुलबुले के रूप में कुछ गैस भी उत्पन्न होती हैं। जो मैदे से बनी डबल रोटी का आयतन बढ़ाने में सहायक होती हैं। लेकिन जैसे ही डबल रोटी को भट्टी में सेका जाता है, गैसे के ये बुलबुले फूट जाते है और इनमे भरी गैस निकल जाती हैं। गैस के निकलने के कारण ही डबल रोटी में छेद हो जाते हैं। बता दे कि डबल रोटी में उपस्थित यह गैस ही उसे अन्दर से अच्छी तरह सेकने में सहायक होती हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि डबल रोटी की तरह केक में भी छोटे-छोटे छेद होते है, और वह छेद भी खमीर की वजह से ही होते होंगे। तो आपको बता दें कि यह बिलकुल गलत हैं। हालांकि केक में भी छोटे-छोटे छेद का कारण गैस ही होती हैं। किन्तु वह खमीर नहीं बल्कि बैकिंग सोडा से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती हैं। उम्मीद है, आपको डबल रोटी में छेद होने के पीछे की वजह समझ आई होगी। साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि क्यों डबल रोटी इतनी स्पंजी और स्वादिष्ट लगती हैं।
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