यह किसी भी उम्र वालों को होने वाली एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो Mycobacterium tuberculosis नामक जीवाणु द्वारा होता है इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है जिसका शुरुआत छोटे से सर्दी खांसी से होता है फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूट्रस, लीवर, किडनी, गले आदि में भी टीवी हो सकती है लेकिन सबसे कॉमन फेफड़ों का टीवी है जो की हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। टीबी का इलाज होते हुए भी सही जानकारी के अभाव में लाखों लोग टीबी से मर रहा है भारत सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उचित इलाज उपलब्ध कराई है सरकार का नारा है “KNOW TB NO TB” इसके लिए प्रतिवर्ष 24 मार्च को टीबी दिवस मनाया जाता है।
Etiology :
यह संक्रामक रोग हवा और सांस से भी फैलता है जब कोई टीबी का मरीज खास्ता या छिकता है तो उससे निकलने वाले कण के संपर्क में आने से भी टीबी हो सकता है। लंबे समय तक एल्कोहलिक पदार्थ का सेवन करने से टीबी हो सकता है जब महीनों दिनों तक खांसी ठीक नहीं होता है तो वह टीबी में परिवर्तित हो जाता है कभी-कभी जन्मजात भी टीबी होता है बचपन में B.CG का टीका नहीं लगवाना और टीबी वाले मरीज के साथ रहने से भी टीबी होता है।
Symptoms :
जिस व्यक्ति को टीवी होता है वह हमेशा खांसते रहता है खांसते समय बलगम निकलता है जिसमें खून उपस्थित रहता है छींक की बूंदों मे Mycobacterium Tuberculosis नामक जीवाणु पाए जाते हैं व्यक्ति का शरीर काफी दुबला पतला हो जाता है हड्डियां दिखने लगती है और व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है सांस लेने और खांसते समय सीने में दर्द होता है चक्कर आना, भूख ना लगना, लगातार वजन कम होना यह सभी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
Management :
टीवी वाले मरीज को जहां तहां नहीं थूकना चाहिए। खाशते या छीकते समय मुंह पर रुमाल रख देना चाहिए। अस्पताल पहुंचकर नियमित रूप से DOTS का खुराक लेना चाहिए। सभी तरह के ठंडे खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए और ठंड में बच कर रहना चाहिए। चिकन, मटन, अंडा का सेवन काफी फायदेमंद होता है। आपके परिवार में या कोई करीबी टीवी से संक्रमित है तो आपको भी टीवी के लिए टेस्ट करवाना चाहिए।
जिन लोगों में टीवी होने की संभावनाएं ज्यादा होती है उनको गुप्त टीवी संक्रमण के लिए जांच करवाना चाहिए। जैसे- स्वास्थ्य देखभाल कार्यालय जो टीबी के उच्च जोखिम वाले लोगों का इलाज करते हैं। वे लोग जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहते हैं। ड्रग्स लेने वाले लोग या एचआईवी एड्स से ग्रस्त लोगों में टीवी होने की संभावनाएं अधिक होती है।
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