किसी राज्य अथवा देश में कम से कम समय में अधिक से अधिक जनसंख्या का वृद्धि हो जाना जनसंख्या विस्फोट कहलाता है देश के विकास के साथ यदि देश की जनसंख्या बढ़ती है तो अधिक तकलीफ नहीं होती है लेकिन देश के विकास से दो तीन गुना अधिक जब देश की जनसंख्या बढ़ जाती है तो अब यह देश के लिए सिरदर्द बन जाता है भारत की ऐसी ही स्थिति है।
जनसंख्या विस्फोट के कारण दुष्परिणाम तथा नियंत्रण के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं।
कारण -:
गरीबी – गरीबी वह कारण है जिसमें लोग पैसे के अभाव में ना तो डॉक्टर से सलाह ले पाते हैं और ना ही गर्भ निरोधक दवा का इस्तेमाल कर पाते हैं।
शिक्षा की कमी – अनपढ़ लोग ना तो अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं और ना ही देश की, वह छोटा परिवार और बड़ा परिवार में फर्क नहीं समझ पाता है उन्हें यह भी पता नहीं होता है कि आवश्यकता से अधिक संतान कष्टदायक होते हैं।
बाल विवाह – लड़कियों का शादी करने का उम्र 18 वर्ष और लड़कों का 21 वर्ष निर्धारित किया गया है परंतु आज भी लोग इसकी परवाह किए बिना कम उम्र में ही अपने बच्चों की शादी कर देते हैं और जब उनकी शादी करने की उम्र होती है तब वे दो से तीन बच्चों की मां बाप बन जाते हैं जो जनसंख्या विस्फोट का एक बहुत बड़ा कारण है।
सामाजिक मान्यताएं – कुछ लोगों का मानना है कि मां बाप के मरने के बाद यदि बेटा आग देता है तो मुक्ति मिलती है और इसी कारण लोग बेटा को जन्म देना अनिवार्य समझ लेते हैं और इस जाल में फस कर ना जाने कितनी बेटियों को जन्म दे देते हैं।
दुष्परिणाम -:
बेरोजगारी – जनसंख्या विस्फोट का ही कारण है कि पूरे देश में व्यापक रूप से बेरोजगारी फैली हुई है लोग कम पैसे पर भी काम करने को तैयार हैं जिससे वे और गरीब हो जाते हैं।
आर्थिक विकास में बाधा – जादा जनसंख्या बढ़ने से ना तो देश विकास कर सकता है और ना ही परिवार। क्योंकि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया की हाल हो जाती है देश में महंगाई और भुखमरी छा जाती है और लोग आर्थिक रूप से काफी पिछड़ जाते हैं।
प्रदूषण – जनसंख्या बढ़ने से शहरों का विकास हो जाता है नए-नए कल करवाना खुल रहे हैं और इनके लिए लोग अंधाधुन पेड़ पौधे काट रहे हैं जिससे वातावरण में गैसीय संतुलन बिगड़ रही है जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण चरम सीमा पर है जो लोगों को रोगो के चपेट में ले रहे हैं।
अपराधों में वृद्धि – जनसंख्या विस्फोट का है नतीजा है कि लगातार बैंक डकैती, दिनदहाड़े हत्या एवं बलात्कार जैसी कुकृत काम हो रहा है जिससे पूरे समाज में दहशत फैला हुआ है।
नियंत्रण-:
शिक्षा का विस्तार – शिक्षा सभी समस्याओं का समाधान है शिक्षा का विस्तार करके हम लोगो को समझदार बना सकते हैं ताकि वह समझ सके कि छोटा परिवार और बड़ा परिवार में क्या फर्क है।
बाल विवाह पर रोक – लड़कियों का शादी करने का उम्र 18 वर्ष और लड़कों का 21 वर्ष निर्धारित किया गया है लेकिन लोग इसकी प्रवाह किए बिना कम उम्र में ही अपने बच्चों की शादी कर देते हैं जिससे समय से पहले ही वह मां बाप बन जाते हैं सरकार को कड़ाई के साथ पेश आ कर बाल विवाह पर रोक लगानी चाहिए।
परिवार नियोजन को बढ़ावा देना – हर देशवासियों को एक दो बच्चे के बाद इमानदारी से परिवार नियोजन करा लेनी चाहिए। इससे घर परिवार के साथ साथ पूरे देश की हालत सही रहेगी क्योंकि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है।