फूलों की सुन्दरता से प्रत्येक व्यक्ति आकर्षित होता है| कुछ फूल लुभावनी खुशबू वाले होते हैं, जो अत्यंत मनमोहक लगते हैं| घर की साज-सज्जा के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य से युक्त नाजुक पंखुड़ियों वाले ये फूल वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं और आनन्दमयी प्रतीत होते हैं|
यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं या आपको हरियाली व बागवानी पसंद है और आप अपने घर में भी सौन्दर्य युक्त सुगन्धित फूलों का बगीचा लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए सहायक हो सकता है, क्योंकि आज के हमारे इस लेख में हम आपको यह बताएँगे कि घर में फूल कैसे लगाये जाते हैं|
सर्वप्रथम आपको यह निश्चित करना होगा कि घर में कौन सी जहग पर फूल लगाने हैं| फूलों को गमलों में, कच्ची जगह में, क्यारियों में, लटकाने वाले गमलों आदि में लगाया जा सकता है और इनका स्थान घर के बाहर, चारदीवारी के भीतर, बालकनी, छत, घर के अंदर आदि कहीं भी हो सकता है|
फूल लगाने के लिए आवश्यक सामान व सामग्री-
मिट्टी, पानी, खाद, बीज या छोटे पौधे या कलमें|
गमले (यदि फूल गमलों में लगाने हों), खुरपी या फावड़ा (मिट्टी की खुदाई के लिए), गार्डन ग्लव्स या दस्ताने (हाथों पर पहनने के लिए), पतली लकड़ियाँ व धागा (पौधों को सहारा देने व सीधा करने के लिए), कैंची (कटाई-छंटाई के लिए)|
फूल लगाने का तरीका-
सर्वप्रथम अच्छी गुणवत्ता वाली उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है| मिट्टी में से अनावश्यक कचरे, पत्थरों आदि को निकलकर साफ़ कर देना चाहिए और मिट्टी को 2-4 दिनों के लिए धूप में रखना चाहिए, जिससे इसमें मौजूद कीट व फंगस नष्ट होकर यह अधिक उपजाऊ हो जाती है|
इसके पश्चात् इसमें खाद मिलायी जाती है| खाद भी दो तरह की होती है- जैविक खाद व रासायनिक खाद|
जैविक खाद गोबर, पशुओं के मल-मूत्र व जैविक पदार्थों से बनी होती है, जिसमे रासायनिक तत्व शामिल नहीं होते| यह प्राकृतिक रूप से मिट्टी को पोषित करती है| जबकि रासायनिक खाद कुछ रासायनिक तत्वों से बनी होती है, जो मिट्टी को जल्दी उपजाऊ कर देती है, परन्तु सही तरीके से प्रयोग न किये जाने पर व इसकी अधिकता से मिट्टी का उपजाऊपन नष्ट भी सकता है|
पौधों के विकास के लिए और मिट्टी में उर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए खाद आवश्यक होती है| खाद युक्त मिट्टी को अब फूल लगाने वाले स्थान में डालने के समय थोड़ी मिट्टी डालकर साथ में बीज भी डाल दे और ऊपर से मिट्टी भर दे| गमलों या क्यारियों में मिट्टी बिलकुल ऊपर तक नही भरकर थोडा खाली रखा जाता है, ताकि पानी डालने के बाद यह बाहर न गिरे|
यदि आप बीज न डालकर कलम या छोटे फूल के पौधों को लगाना चाहते हैं तो लगभग आधी मिट्टी भरने के बाद इसमें कलम या पौधा डालकर ओर मिट्टी डाल दे| वैसे कलम या पौधे के आकार के अनुसार आप स्वयं ही अपनी सूझबूझ से यह समझ जाते हैं कि कितनी मिट्टी भरने के बाद इसे लगाना है|
समय-समय पर पानी देने व खुदाई करने से और अच्छे तरीके से देखभाल करने के बाद धीरे-धीरे इनमे फूल उगने लग जाते हैं|
ध्यान देने योग्य बातें
कुछ पौधों के लिए धूप आवश्यक होती है| अतः इसे पौधों को हल्की धूप आने वाले स्थान पर लगाना या रखना चाहिए|
मिट्टी नरम रहनी चाहिए, यदि सख्त हो जाती है तो इसकी गुड़ाई कर देनी चाहिए|
घर में लगाये जाने वाले पौधों के लिए जैविक खाद या घर पर बनी खाद का ही इस्तेमाल लिया जाना चाहिए|
खाद डालने के बाद खुरपी से मिट्टी की गुड़ाई (खुदाई) कर देनी चाहिए|
गमलों को किसी ट्रे या स्टेंड पर रखना चाहिए, ताकि जमीन गंदी न हो|
पौधों के विकास की दृष्टि से प्लास्टिक के गमलों से बेहतर सीमेंट के गमले होते हैं|
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