कोहलर का सिद्धांत या अंतर्दृष्टि सिद्धांत (insight learning theory) यह सिद्धांत संज्ञानात्मक नियम के ऊपर आधारित है इस सिद्धांत को गेस्टाल्ट सिद्धांत भी कहा जाता है गेस्टाल्टवाद जर्मन भाषा का शब्द है जिसका मतलब संपूर्ण होता है इसके अनुसार व्यक्त्ति अपनी संपूर्ण परिस्थिति को अपनी सोच के द्वारा समझ या सीख लेता है और कठिन से कठिन कार्य को संपूर्ण कर देता है। ये सब व्यक्त्ति की सोच के कारण होता है इस संबंध में अनेक प्रयोग किए जा चुके हैं इनमें से सबसे प्रसिद्ध प्रयोग कोहलर का कहलाता हैं।
जेस्टाल्ट मनोवैज्ञानिक के अनुसार जब हम किसी के बारे में सोचते हैं तब हम उसके होने का एहसास करते हैं जिससे हमें एक सार्थक समग्रता का ज्ञान होता है इस सिद्धांत के प्रतिपादक वर्दीमर, कोफका, और कोहलर है
1920 में जर्मनी में गेस्टाल्ट संप्रदाय का उदय हुआ।
इस संप्रदाय में 3 व्यक्त्ति थे
1. मेक्स वर्दीमर
2. कोहलर
3. कोफका
कोहलर का प्रयोग
कोहलर ने अपना प्रयोग 1916 में किया था इस प्रयोग में उसने एक सुल्तान नाम के चिम्पांजी प्रयोग किया था
इस प्रयोग में उसने एक भूखे चिम्पांजी को जिसका नाम सुल्तान था उसको एक कमरे में बंद कर दिया था और कमरे के ऊपर उसने केले लटका दिए थे और कमरे में ही उसने चार खाली बॉक्स रख दिए। वह यह देखना चाहता था कि सुल्तान किस तरह अपने कार्य को सम्पूर्ण करता है सुल्तान न जब केले खाने का प्रयास किया तब वह केले के पास जाकर कूदने लगा पर वह केले नही खा सका। थोड़ी देर बाद उसको वहां पड़े खाली बॉक्स नज़र आ गये वो उस बॉक्स को ठीक केले के नीचे लेकर आया और बॉक्स को उसने स्टेप वाइज स्टेप रखा जेसे की सीढ़ी होती हैं और उन बॉक्स के ऊपर चढ़ कर उसने केले को पा लिया। इस तरह सुल्तान ने अपनी भूख मिटाई।
इसके बाद कोहलर ने दूसरा प्रयोग किया इस प्रयोग को कोहलर छड़ी प्रयोग के नाम से जाना जाता है
कोहलर का छड़ी का प्रयोग
इस प्रयोग में कोहलर ने उस सुलतान को एक पिंजरे में बंद कर दिया और पिंजरे के ऊपर केले लटका दिए। और पिंजरे के भित्तर उसने तीन स्टिक रख दी। वह फिर से देखना चाहता था की सुल्तान कैसे अपने कार्य में सफलता प्राप्त करता है। जब सुल्तान को भूख लगी तब उसने केले खाने का प्रयास किया पर इस प्रयास में वह केले नहीं खा सका फिर वह पिंजरे में ही घूमने लगा पर केले ना खाने के बारे मे वह सोचता रहा। घूमते घूमते पिंजरे के अंदर जो स्टिक पड़ी हुई थी वह उसके साथ खेलने लगा खेलते खेलते हैं वह तीनों सस्टिक थी वह आपस में जुड़ गई और सुल्तान ने उसी स्टिक की सहायता से केलो को गिरा दिया और अपनी भूख मिटा डाली।
इस प्रयोग द्वारा गेस्टाल्ट वादियों ने यह बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी कार्य को संपूर्ण करने की कोशिश नहीं करता है वह अपनी मानसिक शक्तियों का प्रयोग करके ही अपने कार्य में सफलता प्राप्त करता है।
इस सिद्धांत द्वारा शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण सूत्र का जन्म हुआ और इसी सिद्धांत से समस्या समाधान विधि एवं विश्लेषण विधि का जन्म हुआ।
यह सिद्धांत कुछ चीज़ों के ऊपर आधारित है जैसे लक्ष्य, बादा, तनाव और मानसिक शक्तियां
इस सिद्धांत के अन्य नाम भी है
1.अंतर्दृष्टि या सूझ का सिद्धांत(insight learning theory)
2. गेस्टाल्ट सिद्धांत
3. समग्रकार सिद्धान्त
4. कोहलर का सिद्धांत
विशेषता
1.सीखने की शुरुआत संज्ञानात्मक होती हैं।
2.सीखना धीरे-धीरे ना होकर एकदम अचानक से हो जाता हैं।
3.इस प्रक्रिया में सूझ अचानक से आती हैं।
4.सोचने के लिए समस्या का होना आवश्यक है।
शैक्षिक महत्व
1.इस सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति स्वयं अपनी मानसिक शक्तियों के द्वारा समस्या का हल करना सीखता है।
2.कक्षा स्तर पर कल्पना करना तुलना करना अधिक मानसिक शक्तियों के लिए सिद्धांत विशेष उपयोगी हैं।
Leave a Reply