यह सम्पूर्ण सृष्टि जिज्ञासाओं से भरी हुई है, मानव मस्तिष्क आदि काल से क्यों, कहाँ, कब जैसे सवालों का पीछा करता आया है। मगर वो जितना इसे जानने के करीब आता है, यह सवाल और विस्तार रूप ले कर उलझने बढ़ा देते हैं। यही वजह है कि सृष्टि ब्रह्माण्ड के बारे में इतना कुछ जानने के बाद भी, अभी भी ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिन्हें जानना बाकी है। इन्हीं में से एक है, क्या ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है? यदि हाँ तो कैसे ? कब ? और कहाँ ? आइये इन सवालों को जानने की कोशिश करते हैं।
यह जानने से पहले कि विस्तार कहाँ हो रहा है, यह जानना बहुत जरुरी है कि इस विस्तार का आकार क्या है। अगर आप यह सोच रहे हैं कि इस विस्तार में ब्रह्मांड की सारी आकाशगंगा एक दिशा में तेजी से बढ़ रही है और एक दिन वो सब आपस में मिल जाएंगी तो यह भी पुर्णतः सही नहीं है। क्योंकि समय के साथ इनकी गति और दिशा बदलती रहती है। और स्पष्ट रूप से जानने के लिए ब्रह्मांड के विस्तार को तीन आकारों में बांटा गया है।
१. बंद ब्रह्माण्ड – इस विस्तार में गोल आकार का निरंतर विकास होता रहता है।
२. खुला ब्रह्माण्ड – गोल ब्रह्माण्ड के खुल जाने के बाद विस्तार इस तरह का आकर लेता है।
३. सपाट ब्रह्माण्ड – इस विस्तार में ब्रह्माण्ड एक दम सपाट हो जाता है।
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड गोल होने के बाद भी उसका सपाट आकार में विस्तार होता है। और यही वजह है कि इसमें समय के साथ-साथ विस्तार गति में भी कमी आती जाती है। इसे इस उदाहर द्वारा भी समझा जा सकता है कि हम एक काले रंग का गुब्बारा लेते हैं जिसमें सफेद रंग के धब्बे बने हुए हैं। इस गुब्बारे को हमने अपना ब्रह्मांड मान लिया और इन सफेद धब्बों को आकाशगंगा। अब जैसे-जैसे गुब्बारे में हवा भरी जाती है यह सेफ धब्बे एक दुसरे से दूर होते जाते हैं। और कुछ ही देर बाद एक ऐसी स्थिति आती है जिसमें गुब्बारे को और अधिक फुला पाना संभव नहीं हो पाता। और यदि उसके बाद भी उसे फुलाया जाए तो वो फूट जाता है।
अगर बात हमारे ब्रह्माण्ड की करें तो उसके साथ भी लगभग यही होता है। जब ब्रह्माण्ड का विस्तार होता है, आकाशगंगा की दुरी एक दुसरे से बढ़ती जाती है। मगर इस दुरी के बढ़ने की गति धीमी होती है, इसकी वजह अलग-अलग आकाशगंगाओं का गुरुत्वाकर्षण है।
Universe ke bad me ke reason h bio
Universe kaha bhara ho raha he? Universe ke bahar kya he?agar universe gati me he toh kya acceleration se speed nahi badta?