स्टेम कोशिका जिसे हम मूल कोशिका कहते है। स्टेम कोशिका की खोज 1960 में डॉ॰ अर्नस्ट ए मुकलॉक और जेम्स एडगर टिल ने किया था। यह हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। स्टेम कोशिका का काम हमारे शरीर में किसी भी अंग को कोशिका में विकसित करता है। यह हमारे हर अंग और कोशिका का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आधार है। स्टेम सेल हमारे शरीर में नयी कोशिका बनाने में मदद करती है।स्टेम कोशिका में इतनी क्षमता होती है की ये मनुष्य के शरीर में रक्त कोशिका, त्वचा कोशिका, मस्तिष्क कोशिका इत्यादि बना सकती है। स्टेम कोशिका का उपयोग विटामिन सी जैसी बीमारियों का उपचार करने के लिए किया जाता है। स्टेम कोशिका हमारे शरीर की कई ऐसी बीमारयों को दूर करने में सक्षम है जैसे की हिर्दय रोग, आँखों रोग, कैंसर, डायबटीज़, रक्त संबंधी रोगो का जड़ से उपचार करने में मदद करता है। सबसे पहले रक्त बनाने वाले ऊतकों से स्टेम कोशिका का प्रयोग शुरू किया गया था। स्टेम कोशिका हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण कोशिका है।
स्टेम सेल बड़े बड़े रोगो को ठीक करने में इसका प्रयोग किया जा रहा है। रेजनरेटिव मेडिसिन एक ऐसी मेडिसिन है जिसका प्रयोग बहुत समय से उपचार के लिए किया जा रहा है.स्टेम कोशिका की खोज पिछले काफी वर्षो से खोज चल रही है। स्टेम सेल के दो मुख्य भाग होते है एम्ब्रॉयनिक स्टेम सेल और एडल्ट स्टेम सेल ये दोनों ही स्टेम सेल का मुख्य भाग है. एम्ब्रॉयनिक स्टेम सेल किसी मनुष्य के शरीर में चार से पांच दिन पुराने एम्ब्रयो में होती है जबकि एडल्ट सेल में किसी शरीर के एम्ब्रॉयनिक विकास के बाद पूरे शरीर में यह सेल्स पायी जाने लगती है। यह रीढ़ की हड्डी रक्त नलिका इत्यादि में पायी जाती है। स्टेम सेल से किया गया उपचार बिलकुल अनोखा होता है। इसके उपचार से लगभग कई बीमारिया बिलकुल जड़ से ख़तम हो जाती है।
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