कंप्यूटर एक मशीन है जो कुछ तय किए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करता है। यह एक ऐसा इलेक्ट्रोनिक यंत्र है, जिसे जानकारी के साथ काम करने के लिए बनाया गया है। Computer शब्द Latin के शब्द “computare” से लिया गया है इसका अर्थ है Calculation करना या गणना करना।
इसका मुख्य तौर पर तीन काम होता है, पहला डाटा को लेना जिसे हम Input भी कहते है। दूसरा उस डाटा को Processing करना और आख़िरी काम उस processed डाटा को दिखाने का होता है जिसे Output भी कहते हैं।
मॉडर्न कंप्यूटर के जनक Charles Babbage को कहा जाता है। सबसे पहले Charles Babbage ने ही Mechanical कंप्यूटर को डिजाईन किया था, जिसे Analytical Engine के नाम से भी जाना जाता है। इसमें Punch Card की मदद से डाटा को insert किया जाता था।
COMPUTER (एक परिचय)
कंप्यूटर को एक ऐसा advanced इलेक्ट्रॉनिक device कहा जा सकता है जो raw data को User input के तौर में लेता है। फिर उस data को program (set of Instruction) के जरिए प्रोसेस करता है और आखिर के परिणाम को Output के रूप में प्रकाशित करता है। ये दोनो numerical और non numerical (arithmetic and Logical) calculation को process करता है।
अभि इस बात को सही तरह से प्रमाण नहीं किया जा सकता की कंप्यूटर का development कब से शुरू किया गया। लेकिन officially कंप्यूटर के development को generation के अनुसार classify कर दिया गया है। यह मुख्य तौर से 5 हिस्सो में बंटे हुए हैं।
किसी भी modern digital कंप्यूटर के कई components हैं, लेकिन उन में से कुछ खास महत्वपूर्ण होते हैं। जैसे Input device, Output Device, CPU (Central Processing Unit), Mass Storage Device और Memory।
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी 1940-1956
सबसे पहले generation के कंप्यूटर Vaccum tubes को circuitry और Magnetic Drum को memory के लिए उपयोग में लाते थे जो size में काफी बड़े होते थे। और इनको चलाने में काफी शक्ति का इस्तमाल होता था।
ज्यादा बड़ा होने के कारण इसमें heat की भी बहुत समस्या थी जिससे ये कई बार malfunction भी होता था। इसमे Machine Language का उपयोग होता था। उदाहरण के तौर पे UNIVAC and ENIAC computers .
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी 1956-1963
computers के Second generation में transistors ने vaccum tubes की जगह ले ली। Transistor बेहद कम जगह लेते थे, छोटे होते थे, faster रहते थे, और सस्ते होने के साथ ज्यादा Energy Efficient थे। ये पहले generation के कंप्यूटर की तुलना में कम heat generate करते थे। लेकिन इसमें heat होने की समस्या अभी भी थी।
इनमे High Level programming Language जैसे COBOL और FORTRAN को इस्तमाल में लाया गया था।
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी 1964-1971
Third generation के कंप्यूटर में पहली बार Integrated Circuit का इस्तमाल किया गया था। जिसमे Transistors को छोटे छोटे कर silicon chip के अन्दर डाला जाता था जिसे Semi Conductor कहा जाता है। इससे काफी हद तक कंप्यूटर के processing करने की क्षमता बढ़ गयी।
पहली बार इस generation के computers को ज्यादा user friendly बनाने के लिए Monitors, keyboards और Operating System को उपयोग में लाया गया। जीसे पहली बार Market में launch किया गया।
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी 1971-1985
Forth generation की खास बात यह है की इसमें Microprocessor का उपयोग किया गया। जिससे हजारो Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन chip में embedded किया गया। इससे मशीन के आकार को कम करने में बहुत आसानी हुई। Microprocessor के उपयोग से कंप्यूटर की efficiency और ज्यादा बढ़ गयी।
कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी 1985
Fifth generation आज के दौर का है, जहाँ की Artificial Intelligence ने अपना दबदबा कायम किया है। अब नए नए Technology जैसे Speech recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation जैसे कई advanced तकनीक इस्तेमाल में आने लगे हैं।
यह एक ऐसा generation हैं, जहाँ के कंप्यूटर की Artificial Intelligence होने के कारण स्वयं decision लेने की क्षमता मिली है। अब धीरे धीरे इसके सारे काम Automated हो जायेंगे।
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