सहोपकारिता को साधारण भाषा में सहजीवन भी कहा जाता है। सहोपकारिता के अंतर्गत जीव-जन्तु, एवं पेड़ पौधे आपसी सांझेदारी से एक दूसरे के साथ निवास करते है। वे एक दूसरे के साथ स्थान, भोजन, और दूसरी आवशयक वस्तुओं का आदान-प्रदान ...

सह्भोजिता उस प्रक्रिया को कहा जाता है, जिसमें दो प्राणियों के मध्य आपसी सामंजस्य एवं समझ से एकसाथ रहना और भोजन करना शामिल होता है। इसमें सह्भोजी प्राणी एक दूसरे को हानि नही पहुंचाते, अपितु लाभ पहचानें का प्रयत्न करते ...

मृतजीवी ऐसे जीव या पौधे होते है जो क्षयमान एवं मृत जैविक पदार्थो एवं वनस्पतियो से अपना भरण-पोषण करते है। मृतजीवी को पूर्तिजिवी भी कहा जाता है। इस श्रेणी के अंतर्गत मशरूम को शामिल किया गया है, क्योकि मशरूम, कवक ...

बायोगैस प्राक्रतिक रूप से बनाए जाने वाला एक ज्वलनशील पदार्थ है, जिसे जैव-रासायनिक प्रणाली द्वारा तैयार किया जाता है। इसके अंतर्गत जैविक अपशिष्ट को बायोगैस में परिवर्तित किया जाता है, जिसमे कुछ विशेष बैक्टीरिया अहम् भूमिका अदा करते है। इसलिए ...

प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक, ऐसी दवाइयां या औषधियां होती है, जो रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीवों को विनिष्ट करने का कार्य करती है। प्रतिजैविक, शरीर के अंदर पैदा हुए रोगाणुओ को विकसित होने से रोकती है, इसके साथ ही शरीर ...

सम्पूर्ण जन्तु-जगत एवं पादप जगत को वैज्ञानिक वर्गीकरण के आधार पर दो भागों में विभजित किया गया है :- स्वपोषी परपोषी हम यहाँ परपोषी जीवों के बारे में अध्ययन करेगे, आइये इस विषय पर एक नजर डालते है:- परपोषी जीव: ...

परजीवी जीव वो जीव होते है, जो अपने भरण-पोषण एवं सुरक्षा के लिए दूसरे जीवो पर आश्रित होते है। ये जीव दूसरे जीवो के रक्त, एवं मांस से अपना पेट भरते है, और उन्ही जीवों के शरीर पर अंडे देते ...

परजीविता का सम्बन्ध साधारणतया उन जीवो से होता है, जो भोजन प्राप्त करने के लिए दुसरे जीवो पर निर्भर होते है। परजीविता के अंतर्गत जीव-जन्तु दुसरे जीवो के साथ परपोषी और मेहमान का तादतम्य स्थापित करके अपने जीवन का निर्वहन ...

जेनेटिक इंजीनियरिंग या आनुवंशिक आभियांत्रिकी विज्ञानं का एक आधुनिक अविष्कार है, जिसके अंतर्गत प्राणियों एवं पौधों के डी.एन.ए या जीनोम कोड में हस्तक्षेप करके उसमे बदलाव किया जाता है। इस प्रक्रिया को जेनेटिक इंजीनियरिंग कहा जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग का मुख्य उदेश्य ...

शरीर अरबो-खरबों कोशिकाओं का समहू है, और किसी भी अन्य जीव की उत्पति के लिए इन कोशिकाओं से गूणसूत्रों को लिया जाता है, जिसे निषेचन कहा जाता है। प्रजनन के समय जो कोशिकाए जीव उत्पति में अहम् भूमिका अदा करती ...