अक्सर आपने देखा होगा की जब भी हम लोहे या किसी धातु से बने सामानों को हवा में छोड़ देते है तो उसमे जंग लगने लगती हैं। धीरे-धीरे यह जंग धातु को पूरी तरह खराब कर देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि आखिर हवा में रखने पर धातु खराब कैसे हो जाती हैं? और किस कारण लोहे पर जंग लगती हैं? अगर नहीं तो यह लेख आपको इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी देगा।
दरअसल लोहे में जंग लगना एक तरह की रासायनिक क्रिया हैं। जब किसी धातु से बनी कोई सामग्री हवा के संपर्क मे आती है, तो उसपर जंग लगना शुरू हो जाती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह सब होता कैसे हैं? तो आपको बता दे कि हवा में अम्ल, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड, जैसी कई गैस होती हैं। जब इनसे धातु या उससे बनी वस्तु की प्रतिक्रिया होती है, तो उसपर एक यौगिक की परत बनने लगती हैं। जिससे धीरे-धीरे धातु खराब होने लगती हैं।
जंग का रासायनिक नाम आयरन ऑक्साइड होता है जिसका निर्माण लोहे और नमी वाली हवा में मौजूद ऑक्सीजन से मिलकर होता हैं। अर्थात जब लोहे या उससे बनी सामग्री हवा में उपस्थित ऑक्सीजन और पानी के साथ प्रतिक्रिया करती है, तो उसपर एक अवांछित परत का निर्माण होने लगता है। यह भूरे रंग की परत ही आयरन ऑक्साइड होती है। नमी वाली हवा की उपस्थिति में ऑक्सीजन बार-बार लोहे के साथ प्रतिक्रिया करता हैं। जिससे कुछ समय बाद लोहे से बनी सामग्री पूरी तरह खराब हो जाती हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि लोहे को जंग लगने से कैसे बचाया जा सकता हैं ? तो आपके इस सवाल का जवाब भी हमारे पास हैं। जैसा आपने पढ़ा है कि जब हवा में नमी होती है तब लोहा ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता हैं, जो जंग लगने का कारण है। अगर लोहे को नमी वाली हवा में न रखा जाए, तो उसे जंग की चपेट में आने से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर लोहे को पानी और ऑक्सीजन दोनों में से किसी एक से भी दूर रखा जाए तो भी हम लोहे को जंग लगने से बचा सकते हैं। इसके अलावा लोहे से बने सामानों पर पेंट कर, उससे बनी वस्तुओं में मिश्रित धातु का उपयोग कर और लोहे पर ग्रीस या तेल लगाकर भी उसे जंग लगने से बचाया जा सकता हैं। बता दे कि लोहे की तरह ही अन्य धातुओं को भी हवा में मौजूद नमी और गैसों के कारण हानि पहुँचती हैं। ऐसे में अन्य धातुओं को जंग लगने से बचाने के लिए उन्हें भी नमी वाली हवा के संपर्क से दूर रखना चाहिए।
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